अपनी ठंडी आबोहवा के कारण ‘उड़ीसा के कश्मीर’ के नाम से जाना जाने वाला कंधमाल तीव्र गर्मी की चपेट में है. वहां का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है.
मौसम अधिकारियों ने कहा कि जिले में 60 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है. यहां पर 1587 मिलीमीटर औसत सालाना वारिश और 300 से 1100 मीटर उंचाई के कारण ठंडक रहती है. हालांकि जून के शुरू में ही कंधमाल के कई हिस्से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान से जूझ रहा है.
पर्यावरणविदों और मौसम विशेषज्ञों ने बढ़ते तापमान के लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहराया.
एक समुद्री विज्ञान विशेषज्ञ पीसी मोहंती ने बताया ‘ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण कंधमाल सहित राज्य के कई हिस्सों में तापमान में बढ़ोतरी हुई है.’ उन्होंने कहा ‘हमने राज्य के विभिन्न स्थानों का पिछले छह वर्षों के तापमान का विश्लेषण किया और पाया कि पुरी के अलावा 1990 के बाद सभी स्थानों पर न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है.’
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंधमाल में तापमान बढ़ने में ग्लोबल वार्मिंग के अलावा और कई कारण हैं जिसमें जनसंख्या, ऑटोमोबाइल उत्सर्जन और वनों के सिकुड़ते क्षेत्र शामिल है.