कश्मीरी पंडितों के पुर्नवास को लेकर केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार और अलगाववादी अलग-अलग राय रखते हैं. लेकिन अलग कॉलोनी बसाने से लेकर ऐसी तमाम बातों, बयानों और सुझावों के बीच रविवार को दिल्ली में कश्मीरी पंडितों ने प्रर्दशन किया.
साल 1989-90 के बीच कश्मीर घाटी से हटाए जाने के विरोध में पंडितों ने केंद्र और प्रदेश सरकार से जांच कमिशन गठित किए जाने की मांग की है. यही नहीं, राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार को किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले समुदाय से भी राय-मश्विरा कर लेनी चाहिए.
प्रर्दशनकारियों ने अपनी मांग रखते हुए कहा, 'राज्य और केंद्र में बैठी मुफ्ती और मोदी सरकार को चाहिए कि वह हमारी वापसी को लेकर कोई भी योजना बनाने से पहले एक बार हमारे समुदाय से भी बात करे.'
फिर से खोली जाए हत्या की फाइल
कश्मीरी पंडितों ने राज्य सरकार से मांग की है कि घाटी से खदेड़े जाने के दौरान कश्मीरी पंडितों की हत्या के केस को फिर से खोला जाए और हत्यारों को सजा दी जाए. प्रदर्शनकारियों ने नरेंद्र मोदी की सरकार के सामने अपनी मांग रखते हुए कहा, 'भारत सरकार हमारे नरसंहार और कश्मीर से हमारे भारी संख्या में पलायन के कारणों की जांच के लिए एक जांच आयोग संस्थान का गठन करे, जो इस ओर निष्पक्ष जांच कर सके.'