जम्मू-कश्मीर की वास्तविक स्थिति को समझने के उद्देश्य से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दो दिनों तक चलने वाला बैठकों का सिलसिला शुरू किया.
इस मौके पर गृहमंत्री पी चिदंबरम ने प्रदेश के लोगों से वादा किया कि उनका भविष्य, सम्मान और गौरव भारत का भाग बने रहने के तौर पर सुरक्षित है. मुख्य विपक्षी दल पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती और सय्यद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और यासीन मलिक जैसे अलगाववादी नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है.
पीडीपी का 15 सदस्यीय एक दल प्रतिनिधिमंडल से मिल कर पार्टी का रुख बताएगा, तो वहीं अलगाववादी नेता दल को एक ज्ञापन सौंपेंगे. प्रतिनिधिमंडल के मुखिया चिदंबरम ने कहा कि दल लोगों की समस्याएं सुनेगा. उन्होंने कहा ‘हमें उम्मीद और विश्वास है कि कश्मीरियों का सम्मान, भविष्य और गौरव भारत का भाग बने रहने में सुरक्षित है.’
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल का कार्यक्रम बहुत व्यस्त है. उन्होंने बैठकों में आने वाले दलों से कहा कि सभी दल अपनी प्रस्तुति को बहुत प्रभावी रखें. इसके पहले बैठकों के लिए यहां आए 42 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगवानी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की. श्रीनगर में इस समय भी कर्फ्यू लगा हुआ है.