scorecardresearch
 

कठुआ केस: कोर्ट में पेश किए गए सभी 8 आरोपी, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पीड़ित परिवार

कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ आज कठुआ के CJM कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में अब इस मामले पर अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान सभी आठ आरोपियों को पेश किया गया.

Advertisement
X
आरोपियों को कोर्ट ले जाती पुलिस
आरोपियों को कोर्ट ले जाती पुलिस

Advertisement

कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ आज कठुआ के CJM कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में अब इस मामले पर अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान सभी आठ आरोपियों को पेश किया गया. वहीं पीड़िता के परिवार को डर है कि निचली अदालत में इस केस की ईमानदारी से सुनवाई नहीं होगी और उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा. इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. और यहां दोपहर दो बजे सुनवाई होगी. 

वकील को कठुआ में जान का खतरा

इस बीच पीड़ित परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहीं अधिवक्ता दीपिका सिंह राजावत ने कहा कि मामले की सुनवाई कठुआ की अदालत में होने पर उनकी जान को भी खतरा है.

नार्को टेस्ट की मांग

कठुआ केस के मुख्य आरोपी सांजी राम ने कहा कि उसे साजिशन फंसाया जा रहा है. कठुआ कोर्ट में आज उसने नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग की. उसने कहा कि इससे सही बातें निकलकर सामने आ जाएंगी.

Advertisement

दरअसल इस मामले में आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने आठ साल की लड़की को जनवरी में एक सप्ताह तक कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था, इस दौरान उसे नशीला पदार्थ देकर उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी.

आरोपियों में एक नाबालिग भी

आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है जिसके खिलाफ एक अलग आरोपपत्र दायर किया गया है. इससे पहले अधिकारियों ने कहा कि कठुआ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कानून के अनुसार एक आरोपपत्र को सुनवाई के लिए सत्र अदालत के पास भेजेंगे जिसमें 7 लोग नामजद हैं. हालांकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नाबालिग के खिलाफ सुनवाई करेंगे क्योंकि किशोर कानून के तहत यह विशेष अदालत है.  

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर सरकार ने इस संवेदनशील मामले में सुनवाई के लिए दो विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की है और दोनों ही सिख हैं. इसे इस मामले में हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण को देखते हुए 'तटस्थता' सुनिश्चित करने का प्रयास माना जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

उच्चतम न्यायालय द्वारा 13 अप्रैल को जम्मू बार एसोसिएशन तथा कठुआ बार एसोसिएशन को आड़े हाथ लिए जाने के बाद अब सुनवाई सुचारू ढंग से चलने की उम्मीद है. शीर्ष अदालत ने इस मामले में कुछ वकीलों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी.  

इस वारदात को लेकर देश गुस्से में

Advertisement

वहीं अपराध शाखा द्वारा दायर आरोपपत्रों के अनुसार, बकरवाल समुदाय की लड़की का अपहरण, बलात्कार और हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी ताकि इस अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को इलाके से हटाया जा सके. इसमें कठुआ के एक छोटे गांव के एक मंदिर के रखरखाव करने वाले को इस अपराध का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. इस मामले के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

कठुआ में जिस बच्ची के साथ क्रूर दरिंदगी की गई, उसके पिता इंसाफ मिलने को लेकर बेहद नाउम्मीद हैं. वो चाहते हैं कि इस वीभत्स केस की जांच देश की सबसे बड़ी अदालत करे. पीड़िता के पिता ने इंसाफ की उम्मीद में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा का खटखटाया है.

Advertisement
Advertisement