कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में एक आरोपी की बहन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने किसी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया. इस मामले में हिरासत में लिए गए आरोपी तालिब हुसैन की चचेरी बहन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा है.
याचिका में तालिब हुसैन को टॉर्चर करने का आरोप लगाया गया है. कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को तय की है. दरअसल, खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले और कठुआ मामले में गवाह तालिब हुसैन की चचेरी बहन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि तालिब का हिरासत में टार्चर हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तालिब हुसैन पर रेप का आरोप है. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि तालिब को गैरकानूनी तौर पर हिरासत में रखा गया है, ऐसे में वो हैबियस कॉर्पस की याचिका दाखिल कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप ये साबित कीजिए कि तालिब को गैरकानूनी तौर पर हिरासत में लिया गया है.
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि महिला की शिकायत पर उन्हें गिरफ्तार किया गया. जबकि एक अन्य FIR में तालिब को अग्रिम जमानत मिली हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी कानून के मुताबिक हुई है तो उस हिसाब से कानून को काम करने दीजिए.
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि वो रिहाई के लिए नहीं आये बल्कि कस्टडी में टॉर्चर को लेकर आये हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको समझना होगा कि अवैध हिरासत टॉर्चर और हिरासत में टॉर्चर अलग-अलग मामले हैं. गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था कि उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाए. याचिका में कहा गया कि सांभा पुलिस तालिब हुसैन का उत्पीड़न कर रही है.