द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू को तमिलनाडु के एक न्यायाधीश पर लगाये उनके आरोपों को लेकर आज आड़े हाथ लिया जिससे उनकी पार्टी को संदेह के घेरे में ला दिया है. करुणानिधि ने काटजू पर ‘अप्रत्यक्ष दबाव’ में काम करने का अरोप लगाया.
90 वर्षीय करुणानिधि ने आज इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने दशकभर पुराने मामले को उठाने के पीछे काटजू के उद्देश्यों पर सवाल खड़े किये और इसे न्यायपालिका को बदनाम करने का प्रयास करार दिया, जिससे वह कई वर्षों तक जुड़े रहे हैं.
करुणानिधि ने काटजू के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, 'वह पिछले दो दिनों से कुछ अप्रत्यक्ष बाध्यताओं के चलते कुछ आरोप लगा रहे हैं. कई वर्षों तक न्यायाधीश रहने और उच्चतम न्यायालय तक जाने तथा अब उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों के खिलाफ ही ऐसे आरोप लगाने के पीछे एकमात्र उद्देश्य न्यायपालिका को बदनाम करना है.'
उन्होंने 'काटजूस डिसऑनेस्ट कमेंट्स स्ट्रैंगुलेटिंग द नैक आफ न्यूडिशरी' शीषर्क वाले एक बयान में प्रेस काउंसिल अध्यक्ष काटजू पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने 'द्रमुक के संदर्भ में अवांछित अप्रत्यक्ष उल्लेख किया है.'
करुणानिधि ने यद्यपि इस बारे में कुछ टिप्पणी नहीं की कि 10 वर्षों तक संप्रग की सहयोगी रही उनकी पार्टी ने क्या मद्रास उच्च न्यायालय में एक अतिरिक्त न्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री पर कोई दबाव डाला था जैसा कि काटजू ने आरोप लगाया है.
उन्होंने काटजू की एक फेसबुक टिप्पणी का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को एक ऐसा व्यक्ति बताया है जिसने कभी भी न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया और कहा कि इसे एक प्रमुख समाचार पत्र में प्रकाशित कैसे किया गया. उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि ऐसे समय जब जयललिता के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति मामले में फैसले का समय नजदीक आ रहा है, फैसले पर दबाव डालने के लिए उनकी प्रशंसा करने वाली खबरें योजनाबद्ध तरीके से प्रसारित की जा रही हैं.'
उन्होंने जानना चाहा कि काटजू ने उस न्यायाधीश का नाम का उल्लेख स्पष्ट रूप से क्यों नहीं किया जिसके खिलाफ उन्होंने आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा, 'न्यायाधीश का नाम सामने आने पर ही आरोपी अपना जवाब दे सकेगा.' करुणानिधि ने काटजू को परस्परविरोधी करार देते हुए कई घटनाओं का उल्लेख किया जिसमें गत वर्ष केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा उनकी प्रतिकूल आलोचना तथा ‘90 प्रतिशत भारतीय मूर्ख वाला बयान’ शामिल है. इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनके रुख का भी उल्लेख किया.
उन्होंने कहा, 'वह परस्परविरोधी नाराज व्यक्ति तथा विरोधाभासों के पुलिंदा हैं. अभी कोई भी उनके आरोपों के बारे में समझ सकता है कि इसका उद्देश्य किसकी मदद करना है.'