केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा है कि सरकार में शामिल सात महिला मंत्री देश में महिलाओं की चुनौतियों को समझने की कोशिश कर रही हैं. दिल्ली में आयोजित 'इंडिया टुडे वुमन समिट' में कौर ने कहा, 'हम आम महिलाओं की तरह ही है, बस घर के साथ राजनीति में भी काम रहे हैं.'
हरसिमरत ने युवाओं का राजनीति से मन हटने को चिंताजनक बताया और कहा कि भविष्य में इससे लोकतंत्र कमजोर पड़ेगा. कौर ने कहा, 'हम महिलाओं की चुनौतियों को समझते हैं और उस दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हैं.' उन्होंने कहा कि राजनीति में होने के बाद भी वह एक आम महिला ही है, जिसे घर में बच्चे भी देखने हैं, लेकिन ये मुश्किल है और बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना होता है.'
हरसिमरत कौर से बातचीत के मुख्य बिंदु:
- मैंने और मेरे पति ने शादी से पहले ही बात कर ली थी कि वह राजनीति में नहीं आएंगे और इसी के बाद शादी की थी.
- मैं किस्मत से राजनीति में हूं, इसके लिए पहले से कोई तैयारी नहीं थी, लेकिन यहां अगर आप ईमानदारी से काम करते हैं तो कुछ अलग कर गुजरेंगे.
- मैं शायद अकेली ऐसी सांसद हूं जो हर गांव में कम से कम चार बार जाती है. मैंने अपने बच्चों को छोड़ा, खुद को भूलकर पूरी से राजनीति को समर्पित कर दिया. मेरे बच्चे बड़े हो गए और अब कॉलेज जा रहे हैं, इस दौरान मैं बच्चों के साथ नहीं थी. ये एक थैंकलेस जॉब है.
- मेरे बच्चे राजनीति में नहीं जाएंगे. उन्हें हमारी राजनीति को देखकर गर्व महसूस नहीं होता है, उन्हें राजनेताओं पर विश्वास नहीं रहा है. बच्चे राजनीति को पसंद नहीं कर रहे हैं और यही लोकतंत्र को कमजोर बनाता है. शिक्षक को बच्चों को दोनों पक्ष दिखाना चाहिए और चुनाव उनके ऊपर छोड़ना चाहिए कि वह कौन सी दिशा चुनेंगे.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं पर विश्वास दिखाकर सात महिला केंद्रीय मंत्री बनाए हैं. हम महिलाएं यहां की चुनौतियों को समझ रही हैं और उससे लड़कर काम करके कुछ अलग करके दिखाएंगे.'