अरविंद केजरीवाल अब तक ये दावा करते रहे हैं कि उनकी आम आदमी पार्टी धर्म, संप्रदाय और जाति की राजनीति नहीं करेगी. पर ऐसा लगता है कि केजरीवाल ने दंगा भड़काने के आरोपी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां से मुलाकात करके अपने दावे से पलट गए. इस मुलाकात पर सियासत तेज हो गई है.
आपको बता दें कि तौकीर रजा बरेलवी संप्रदाय के मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करते हैं. पिछले हफ्ते केजरीवाल ने तौकीर रजा से समर्थन की बात की थी. इसके लिए केजरीवाल तौकीर रजा के बरेली स्थित घर भी गए थे. रजा केजरीवाल के समर्थन के लिए तैयार भी हो गए हैं.
इस मुलाकात ने केजरीवाल के विरोधियों को उनपर हमले करने का मौका दे दिया. बीजेपी केजरीवाल पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगा रही है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि अब तक केजरीवाल को मुसलमानों की याद नहीं आई पर जैसे ही चुनाव नजदीक आ गए वो संप्रदाय के नेताओं से मिलकर वोट का जुगाड़ कर रहे हैं.
इस विवाद पर अरविंद केजरीवाल ने सफाई देते हुए कहा, 'मैं हर धर्म के गुरुओं से मुलाकात कर रहा हूं. इस देश की आबादी 125 करोड़ है. मैंने मंदिर और मस्जिद में मौजूद लोगों से मुलाकात की. मैं बरेली में चादर चढ़ाने गया था और तौकीर रजा साहब उस इलाके के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं.'
उन्होंने कहा, 'जहां तक फतवा जारी करने वाली बात है तो रजा साहब ने मुझे बताया कि उन्हें फतवा जारी करने का हक नहीं. वह 100 सदस्यीय समिति के एक मेंबर हैं जिसने फतवा जारी किया था. जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है तो हम हिंसा की राजनीति के खिलाफ हैं.'
विवादों से तौकिर राज का रिश्ता
तौकिर रजा पर 2010 में बरेली में दंगा भड़काने का आरोप लगा था और उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. इनके जेल से निकलते ही बरेली में फिर से दंगे हुए थे. रजा कभी जॉर्ज बुश और तसलीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी करने को लेकर भी काफी विवादों मे रहे हैं. रजा अभी यूपी सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त हैं. उन्हें हथकरघा और वस्त्रोद्योग के सलाहकार का पद दिया गया है.