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CM केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली में पानी का नहीं होगा निजीकरण'

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में बिजली क्षेत्र के निजीकरण से लोगों को हुए कटु अनुभव को देखते हुए पानी का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए. दिल्ली सचिवालय में ‘जल नीति कार्यशाला’ के दौरान सरकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि बिजली क्षेत्र के निजीकरण का जो प्रयोग किया गया वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा.

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जल नीति कार्यशाला में CM केजरीवाल
जल नीति कार्यशाला में CM केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में बिजली क्षेत्र के निजीकरण से लोगों को हुए कटु अनुभव को देखते हुए पानी का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए. दिल्ली सचिवालय में ‘जल नीति कार्यशाला’ के दौरान सरकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि बिजली क्षेत्र के निजीकरण का जो प्रयोग किया गया वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा.

उन्होंने कहा, ‘मैं इस सवाल में नहीं जाना चाहता कि बिजली का निजीकरण होना चाहिए था या नहीं, लेकिन आज जब इसका ऑडिट किया गया तो इस प्रयोग पर एक सवालिया निशान है. ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी में पानी का निजीकरण नहीं होना चाहिए.’ कार्यशाला की अध्यक्षता केजरीवाल ने की और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष एवं मंत्री कपिल मिश्रा ने इसकी मेजबानी की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े कुछ कार्य अनुबंध आधार पर देती रहेगी, लेकिन पानी और इसके वितरण पर स्वामित्व बनाए रखेगी. उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब सरकार और निजी क्षेत्र के कार्यों का निर्धारण होना चाहिए. सरकार की शिक्षा, पानी, स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो जिम्मेदारी है, वह उससे भाग नहीं सकती.

उन्होंने इस मौके पर वर्षा जल संचयन पर भी जोर दिया. मिश्रा ने कहा कि दिल्ली को एक मसौदा जल नीति की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो कि दिल्ली में पानी के लिए एक व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण है.

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