केरल में भारी बारिश से तबाही के बीच केलपट्टा इलाके 10 नौसेना के जवान, एक अफसर समेत टीम को आर्मी की रेस्क्यू टीम के साथ तैनात किया गया है. इस टीम ने 9 अगस्त को वायानंद जिले के बाढ़ प्रभावितों को एयरलिफ्ट कराया था. राज्य में अब तक मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 37 पहुंच चुका है. हालांकि, बारिश के कुछ कम हाेने से अब हालात पहले से बेहतर हैं.
मीडिया एजेंसी के मुताबिक, वायानंद के कोट्टाथरा इलाके में काफी नुकसान हुआ है. कई सड़कों के बह जाने के कारण कुछ इलाकों का संपर्क आपस में कट चुका है. इस बीच आज डिफेंस सिक्योरिटी के जवानों ने लोगों की मदद करने एक अस्थाई पुल का निर्माण किया. चार अफसरों, 16 जवानों और तीन पूर्व आईएनएस जमोरिन की बचाव काम में पराकुनी में तैनाती की गई, जहां टीम ने पनामाराम में फंसे 72 लोगों को रेस्क्यू किया.
बता दें कि राज्य में बारिश से बिगड़े हालात के चलते कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. वायनाड में 14 अगस्त तक रेड अलर्ट जारी किया गया है तो इडुक्की में 13 अगस्त तक के लिए चेतावनी जारी की गई है. कोट्टायम, एर्नाकुलम, मलप्पुरम, पलक्कड़, कोझिकोडे में भी 11 अगस्त तक हाई अलर्ट जारी किया गया है.
राज्य में मची तबाही के बीच मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मुआवजे की घोषणा की है. सीएम ने कहा है कि बाढ़-बारिश की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही घर और जमीन गंवाने वाले लोगों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान भी किया गया है.
पिछले दो दिनों में 10 हजार से ज्यादा लोगों को 157 राहत शिविरों में भेजा गया है. बचाव के लिए 241 रिलीफ कैंप खोले गए हैं. बाढ़ और बरसात के पानी की वजह से जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं. ऐसी ही एक घटना कन्नूर जिले हुई, जहां भूस्खलन की वजह से दो मकान अचानक भरभराकर ढह गए. केरल के इडुक्की जिले में बरसात और बाढ़ की तबाही सबसे ज्यादा है. जहां पिछले 40 सालों में पहली बार चेरुथोनी बांध के पांचों शटर खोलने पड़े हैं.
केरल में स्कूल, कॉलेज, दफ्तर सब बंद कर दिए गए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक केरल में इस साल अबतक औसत से 19 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है. केरल में इससे पहले इतनी ज्यादा 2013 में हुई थी.