सोने की तस्करी का मामला और भी संदेहास्पद होता जा रहा है. सीपीएम के राज्य सचिव पिनारायी विजयन ने रविवार को इस मामले में मुख्यमंत्री ओमान चांडी को भी घसीट लिया. विजयन ने आरोप लगाया कि जब ओमान चांडी विपक्ष के नेता थे तब उन्होंने विवादास्पद तस्कर टी.के.फयाज से वडा़कारा से कोझिकोड के बीच अपनी कार में करीब 45 मिनट तक बात की थी. हालांकि मुख्यमंत्री ने सीपीएम नेता के इन आरोपों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
केरल में इस तस्कर के राजनीतिक रिश्तों का खुलासा फोन रिकॉर्ड से सामने आया है. फोन रिकॉर्ड्स से पता चला है कि वह ओमान चांडी के निजी सचिव आर.के. बालाकृष्णन और केपीसीसी के महासचिव एस. राजसेखरन के सम्पर्क में था. इसके अलावा आरोप तो यह भी हैं कि मुख्यमंत्री के दुबई प्रवास के दौरान फयाज ने मेजबान की भूमिका निभायी थी. कुन्नुर की सेंट्रल जेल में सीपीएम के एक स्थानीय नेता से फयाज के मिलने की सीसीटीवी तस्वीरें सामने आने से पहले ही पार्टी की किरकिरी हो रही थी और अब सीपीएम के राज्य सचिव ने पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है. मई 2002 में सीपीएम के असंतुष्ट नेता टी.पी. चंद्रसेखरन की हत्या के मामले में गिरफ्तार सीपीएम के स्थानीय नेता अब भी कोर्ट की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं.फयाज जेल में अरबी मूल के व्यक्ति के रूप में गया था, उसने अरबी कॉस्ट्यूम पहना था. जांच एजेंसी ने कुछ मुस्लिम लीग और बीजेपी नेताओं के नामों का भी जिक्र किया है, जिनके इस तस्कर से सम्बंध थे.
जांच एजेंसियों के पास इस बात के सुबूत ही नहीं थे कि 10वीं कक्षा का ड्रॉपआउट 38 साल का फयाज जो आसपास के होटलों और बेकरियों में काम करता था अचानक इतना अमीर कैसे बन गया. उसके पड़ोसी तो यही जानते हैं कि वह बिजनेसमैन है और किराये पर कार देता व रिजॉर्ट लीज पर लेता है. पूछताछ के दौरान फयाज ने बताया कि वह सात साल पहले इस दलदल में आया और इससे पहले भी कई बार राज्य में सोना तस्करी करके ला चुका है. हालांकि दो कस्टम अधिकारी और एक एयरपोर्ट अधिकारी भी फयाज के साथ सम्बंधों को लेकर गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन सीबीआई का मानना है कि अब भी बड़ी मछलियां पकड़ से बाहर हैं.
तस्करी की यह पूरी कहानी तो तभी सामने आ पाएगी जब फयाज का साथी तेल्लिचेरी का अशरफ सीबीआई के हत्थे चढ़ेगा. अशरफ फिलहाल फरार है और वह दुबई में रह रहा है. अशरफ ने एंटीसिपेटरी बेल के लिए भी आवेदन किया हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि फयाज जिस सोने की तस्करी करता था उसे पहले अशरफ को सौंपा जाता था और फिर खरीदारों तक पहुंचाया जाता था. गिरफ्तार कस्टम अधिकारी सीबीआई के साथ पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए जांच एजेंसी अब आरोपियों का लाई-डिटेक्टर टेस्ट करने की इजाजत मांगने के लिए कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है.
सीबीआई ने कोचीन इंटरनेशनल एयरेपोर्ट लिमिटेड से कस्टम डिप्टी कमिश्नर सी. माधवन और कस्टम प्रिवेंटिव अधिकारी पी.पी. सुनील कुमार और संजय कुमार सोनी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. तस्करी के इस पूरे रैकेट का खुलासा उस समय हुआ जब 19 सितम्बर को कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो महिलाओं से 20 किलो सोने के विस्किट बरामद किए गए, जिनकी बाजार कीमत करीब 6 करोड़ रुपये है. बाद में फयाज को 22 सितम्बर नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह दुबई भागने की तैयारी में था.