सोलर पावर घोटाले में केरल में मुख्यमंत्री ओमान चांडी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. त्रिशूर कोर्ट की ओर से एफआईआर दर्ज करने के आदेश के खिलाफ चांडी ने शुक्रवार को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस पर दो महीने के लिए रोक लगा दी है.
हाई कोर्ट ने कहा कि बिना किसी सबूत के विजिलेंस कोर्ट के जज ने सीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है जो कि सही नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस बात को आगे भी व्यवहार में लाया जाए और बिना सबूत के ऐसी कार्रवाई ना की जाए.
घोटाले की मुख्य आरोपी सरिता नायर की ओर से रिश्वत दिए जाने के आरोप लगने के बाद कोर्ट ने गुरुवार उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.
Kerala CM Oommen Chandy moves petition in HC seeking quashing of FIR ordered against him by Thrissur court #SolarScam
— ANI (@ANI_news) January 29, 2016
सीएम चांडी ने कोर्ट में याचिका देकर कहा कि उन पर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और इस केस से उनका कोई लेना-देना नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने त्रिशूर कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की भी मांग की थी.
रिश्वत की बात सामने आने पर FIR का आदेश
त्रिशूर कोर्ट में चल रही मामले की सुनवाई के दौरान घोटाले में मुख्यमंत्री को रिश्वत देने की बात भी सामने आई थी, जिस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
सीएम ने किया अपना बचाव
मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने रिश्वत लेने के आरोपों को राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि उन्हें बदनाम किया जा रहा है. चांडी ने कहा कि शराब लॉबी की मिलीभगत उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पास बात के पुख्ता सबूत हैं कि सरिता ने जो आरोप लगाए हैं वे इसी साजिश का हिस्सा हैं.
सरिता ने लगाए थे ये आरोप
केरल में सोलर पावर घोटाले की मुख्य आरोपी सरिता एस नायर ने राज्य के मुख्यमंत्री ओमान चांडी पर गंभीर आरोप लगाए थे. सरिता ने जांच आयोग से कहा कि मुख्यमंत्री को उसने 1 करोड़ 90 लाख रुपये रिश्वत दी है. सरिता ने राज्य के ऊर्जा मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्यादन मोहम्मद को भी 40 लाख रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया था.
सोलर घोटाले के विरोध में बीजेपी ने त्रिवेंद्रम में विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी नेताओं ने आरोपों में घिरे सीएम चांडी पर कार्रवाई करने की मांग की.