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केरल में भी बैन होगा सिंगल यूज प्लास्टिक, नए साल से लागू हो जाएंगे प्रतिबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. मोदी सरकार ने 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है.

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केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन (ANI)
केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन (ANI)

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  • सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम के उत्पादन पर भी बैन लगाने का फैसला
  • सरकार ने डिफॉल्टर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रस्ताव किया है

केरल सरकार ने गुरुवार को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अगले साल 1 जनवरी से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने का फैसला लिया गया. साथ ही कैबिनेट ने सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम के उत्पादन पर भी बैन लगाने का फैसला लिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. मोदी सरकार ने 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. सिंगल यूज प्लास्टिक की श्रेणी में महज एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक, जैसे पानी की बोतलें और दूध के पैकेट आदि आते हैं.

निर्यात किए जाने वाले प्लास्टिक उत्पाद, हेल्थ सेक्टर में उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक उत्पादों और कंपोस्ट प्लास्टिक से बने उत्पादों को प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है. सरकार ने डिफॉल्टर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रस्ताव किया है. डिफॉल्टर को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत बुक किया जाएगा. जिला कलेक्टर, उप-मंडल मजिस्ट्रेट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, स्थानीय निकाय सचिव और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त अधिकारी डिफॉल्टरों पर कार्रवाई के हकदार होंगे.

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नए कानून में प्रतिबंध की अवहेलना करने वाले निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के लिए पहली बार 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. अगर एक ही अपराध दोहराया जाता है तो 25,000 रुपये का जुर्माना होगा. तीसरी बार के लिए जुर्माना 50,000 रुपये है और दुकान/प्रतिष्ठान का परमिट समाप्त कर दिया जाएगा.

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