प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद पहुंचाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है. गृह मंत्रालय में एक केंद्रीय कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां पर हर राज्यों से बाढ़ प्रभावित जिलों की सूचना मिल रही है. जिसके बाद एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों को हालात के बारे में सूचित किया जाता है और प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाई जाती है.
पिछले 3 दिनों में 4 अहम बैठकें बाढ़ के हालात को लेकर हुई हैं. इसी फेहरिस्त में गुरुवार को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक उच्चस्तरीय बैठक गृह मंत्रालय में की. इस बैठक में एनडीआरएफ डीजी एस के प्रधान, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी, एयरफोर्स और सेना के प्रतिनिधि शामिल हुए.
बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित जगह ले जाना और जरूरतमंद लोगों को खाद्य पदार्थ पहुंचना, फिलहाल मौजूदा हालात में सरकार की प्राथमिकता है. इससे पहले बुधवार को कैबिनेट सचिव ने नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की उच्चस्तरीय बैठक की थी. इस बैठक में बाढ़ प्रभावित इलाकों को तुरंत सहायता पहुंचाने को कहा गया था.
55 टीमें एनडीआरएफ की अलग-अलग प्रभावित राज्यों में तैनात हैं. एनडीआरएफ की 19 और टीमें और भेजी जाएंगी. इसके अलावा 16 कॉलम आर्मी के और 30 नेवी, कोस्टगार्ड की टीमें अलग अलग जगह तैनात हैं.
कर्नाटक को बाढ़ की वजह से भारी नुकसान पहुंचा है. वहां के हालात पर गृह मंत्रालय में आई रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 71 लोगों ने जान गंवाई है. कर्नाटक में इस बाढ़ के चलते 3,531 लोगों के घर को नुकसान पहुंचा है. 3,148 जानवरों की मौत हुई है.
अप्रैल से लेकर अब तक 71 जिन लोगों की मौत हुई है, उसमें 35 लोगों की मौत बिजली गिरने की वजह से हुई. 25 लोगों की मौत घर और पेड़ गिरने की वजह से वहीं 12 लोगों की मौत बाढ़ में बह जाने से हुई है. एक व्यक्ति की मौत लैंडस्लाइड की वजह से हुई है. बाढ़ से प्रभावित अब तक 32,748 लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया है.
केरल के वायनाड में एनडीआरएफ ने बचाव अभियान के तहत भूस्खलन में फंसे 55 लोगों को सुरक्षित निकाला है. इस तरीके से केरल के इस जिले में अब तक 100 लोगों सुरक्षित निकाला जा चुका है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों से राहत कार्यों में तेजी लाने की गुजारिश की है. इसके अलावा केरल के अन्य जिलों में भी राहत और बचाव अभियान जारी है.
महाराष्ट्र और गुजरात के हालात की भी इसी तरीके से समय समय पर समीक्षा की जा रही है. कुल मिलाकर इस कठिन हालात से निपटने के लिए सरकार लगातार हर संबधित एजेंसियों के संपर्क में है. प्रभावित राज्यों को ये भी साफ कर दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर बचाव दल के सदस्यों की तैनाती में और इजाफा किया जाएगा.