बंगाल की खाड़ी में एक गहरे दबाव का क्षेत्र बन चुका है और यह तेजी से और ज्यादा ताकतवर होता जा रहा है. इस वेदर सिस्टम की वजह से बंगाल की खाड़ी में मानसून की दस्तक तेजी से बढ़ती जा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक यह गहरा दबाव अगले 12 से 24 घंटे में एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा.
ऐसा अनुमान है कि चक्रवाती तूफान बांग्लादेश में चटगांव के पास तट को पार करेगा. चटगांव पार करते ही इस तूफान की ताकत कम हो जाएगी और यह एक गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा.
केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत पहुंचेगा मानसून
माना जा रहा है कि इस वेदर सिस्टम की वजह से मानसून केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में दस्तक दे देगा. इन स्थितियों में पूर्वोत्तर भारत में मानसून 29 या 30 तारीख तक दस्तक दे सकता है, जबकि केरल में मानसून इसके बाद पहुंचेगा.
मौसम विभाग के साइक्लोन सेंटर के ताजा बुलेटिन के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना हुआ वेदर सिस्टम 32 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पूर्व दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस समय की बात करें तो यह सिस्टम कोलकाता से 850 किलोमीटर की दूरी पर है तो वहीं चटगांव से इसकी दूरी 700 किलोमीटर है.
चटगांव में जमीन से टकराएगा मारुत
ऐसा अनुमान है कि अगले 24 घंटे में यह वेदर सिस्टम एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा, जब यह चक्रवाती तूफान बनेगा तो इसका नाम मारुत होगा. अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक यह चक्रवाती तूफान चटगांव के आसपास जमीन से टकराएगा.
बंगाल की खाड़ी में बने वेदर सिस्टम की वजह से मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. इस चेतावनी के मुताबिक 30 मई को दक्षिण असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में कई जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में कुछ जगहों पर भारी बारिश का अंदेशा है.
65km/h की स्पीड से चलेगी हवा
मौसम विभाग के मुताबिक झमाझम बारिश के साथ साथ दक्षिण असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में 45 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से तेज हवाएं चलने का अनुमान है.
मौसम विभाग के मुताबिक 31 मई को असम और मेघालय में मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है. इसके चलते स्थानीय प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है.
बंगाल की खाड़ी में पल रहे तूफान के चलते अंडमान द्वीप समूह में 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने का अंदेशा है. यह स्थिति अगले 48 घंटों तक बनी रहेगी. इस वजह से समंदर अशांत रहेगा. लिहाजा मछुआरों को सलाह दी गई है कि वह समंदर से दूर ही रहें.