केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रविवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर गंभीर आरोप लगाए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएम विजयन ने पहले एसएफआई कार्यकर्ताओं और फिर केरल पुलिस को एक मीडिया हाउस में भेजा और तलाश ली. केरल सरकार कथित भ्रष्टाचार के आरोपों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
बता दें कि इस मामले में पुलिस ने मीडिया हाउस पर फर्जी खबर चलाने और एसएफआई कार्यकर्ताओं पर हंगामा करने के आरोप में केस दर्ज किया है. इस घटनाक्रम का एक वीडियो भी शेयर किया गया है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मलयालम समाचार चैनल एशियानेट न्यूज के कार्यालय में कोझिकोड पुलिस के पहुंचने का एक वीडियो शेयर किया और कहा- पिनाराई विजयन गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं और मीडिया के सवालों से उन्हें लगता है कि वह अपने SFI गुंडों और फिर अपनी पुलिस का उपयोग करके डरा-धमका कर लोगों को विचलित कर सकते हैं.
एशियानेट न्यूज के दफ्तर में घुसे SFI के वर्कर्स
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन विशेष रूप से विधानसभा सत्रों के बाद मुश्किलें में आ गए हैं. विपक्ष लगातार कथित लाइफ मिशन घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर निशाना साध रहा है. पुलिस के अनुसार, केरल में सत्तारूढ़ CPI (M) की स्टूडेंट विंग स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं का एक ग्रुप फर्जी समाचार चलाने का आरोप लगाकर शुक्रवार को एर्नाकुलम में एशियानेट न्यूज के कार्यालय में कथित रूप से घुस गए.
सुरक्षा गार्ड को धक्का दिया और अंदर घुस गए कार्यकर्ता
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि एशियानेट न्यूज ने अपनी खबर को पुष्ट करने के लिए एक नाबालिग लड़की का फर्जी इंटरव्यू चलाया और साबित करना चाहा कि उन्होंने नशीली दवाओं के उपयोग के खिलाफ अपने कैंपेन के हिस्से के रूप में खबर चलाई है. बताया गया कि SFI के करीब 30 कार्यकर्ता बैनर लेकर कार्यालय में जबरदस्ती घुस गए. सुरक्षा गार्ड को धक्का दिया और अंदर बैनर लगा दिए. यहां उन्होंने कहा कि चैनल फर्जी खबरें चला रहा है. पुलिस ने समाचार चैनल की शिकायत के आधार पर एसएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी सभा, दंगा और आपराधिक धमकी के लिए केस दर्ज किया.
न्यूज चैनल के दफ्तर पहुंची पुलिस
इधर, फर्जी स्टोरी चलाने के आरोप में एशियानेट न्यूज के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. कोझिकोड पुलिस रविवार को एशियानेट न्यूज के कार्यालय पहुंची और समाचार चैनल के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के तहत निरीक्षण किया.
पत्रकार संगठनों ने नाराजगी जताई...
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय महिला प्रेस कोर, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स जैसे पत्रकारों के संगठनों ने मीडिया हाउस पर हमले की निंदा की और एक संयुक्त बयान जारी किया. पत्रकारों ने कहा- स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं द्वारा कोच्चि में टीवी चैनल एशियानेट न्यूज के कार्यालय पर हमले का विरोध करते हैं. यह देश में मीडिया संगठनों और पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते हमलों का एक और उदाहरण है.
पत्रकार संगठनों ने कहा कि एशियानेट न्यूज ने केरल में एक युवा लड़की के नशीली दवाओं और यौन शोषण के मुद्दे को सामने लाने के लिए 'एक मॉक वीडियो' का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को फर्जी समाचार के रूप में ठप्पा लगाने से अज्ञानता का पता चलता है. यौन उत्पीड़न के पीड़ितों की पहचान की रक्षा के लिए समाचार संगठनों द्वारा पेशेवर तरीके का इस्तेमाल किया जाता है.
मीडिया कार्यालयों में घुसना अवैध है और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला माना जाना चाहिए. हम केरल में कुछ राजनीतिक संगठनों, संगठनों और सोशल मीडिया प्रभावितों द्वारा सभी समाचारों और विचारों को नकली के रूप में लेबल करके मीडिया भय पैदा करने के प्रयासों की निंदा करते हैं. इससे असहमत हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में यह स्पष्ट कर दिया था कि पुलिस समाचार रिपोर्ट के खिलाफ एक शिकायत पर विचार कर रही है. पत्रकारों के संगठन ने कहा- हम उम्मीद करते हैं कि केरल सरकार एशियानेट पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.