केरल में दो दिनों पहले कोस्ट गार्ड ने एक संदिग्ध नाव को पकड़ा था. राज्य सरकार ने बोट की जांच एनआईए से करवाने के लिए कहा है, वहीं आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, संदिग्ध नाव में बड़ी मात्रा में विस्फोटक या नशीले पदार्थ की खेप मौजूद थी, जिसे कोस्ट गार्ड के कब्जे में आने से पहले ही समंदर में गिरा दिया गया.
अब तक की जांच में बोट से एक थुराया कम्युनिकेशन सिस्टम, कई मोबाइल सेट और पाकिस्तानी आईडी कार्ड मिलने हैं. जानकारी के मुताबिक, खुफिया एजेंसी ने सबसे पहले 2 जुलाई को कोस्ट गार्ड को इस संदिग्ध बोट के बारे में जानकरी दी थी. रिपोर्ट में कहा गया कि यह संदिग्ध बोट लगातार कराची के सम्पर्क में थी. खुफिया एजेंसियों ने जो बातचीत रिकॉर्ड की है उसके मुताबिक 'बारूकी' नाम की इस बोट में मौजूद लोग लगातार कह रहे थे, 'हम डाउन साउथ की तरफ बढ़ रहे हैं. यहां पर खतरा ज्यादा है इसलिए हमें माल पहुंचाने के लिए ज्यादा पैसा चाहिए.'
बोट में नहीं था मछली पकड़ने का सामान
बताया जाता है कि इस बोट में मौजूद शख्स कराची में बैठे अपने हैंडलर से 5 से दस करोड़ रुपये की मांग कर रहा था. चार जुलाई की जब रात कोस्ट गार्ड शिप अभिनव और समर ने इस बोट को पकड़ा तो इसमें मौजूद लोगों ने झूठ बोला कि यह एक मछली पकड़ने वाली बोट है और इसका इंजन खराब हो गया है. जांच में पता चला कि इस बोट में मछली पकड़ने का कोई भी सामान मौजूद नहीं था.
कुछ महीने पहले ही कोस्ट गार्ड ने पोरबंदर में एक संदिग्ध बोट पकड़ी, जिसमें 600 करोड़ रुपये की हिरोइन जब्त की गई. ऐसे में अब खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान की नई साजिश के तहत भारत में समंदर के रास्ते ड्रग्स और हथियार पहुंचाने के नए समुद्री रास्ते को खंगालने में जुट गए हैं.