देश की घनी आबादी वाले राज्यों में से एक केरल इस साल 'खुले में शौच मुक्त' राज्य बन जाएगा. नवंबर में इसके 941 ग्राम पंचायतों में 1.9 लाख नए शौचालयों के पूरा होने के बाद देश का पहला 'खुले में शौच मुक्त' राज्य बनने के लिए तैयार है.
इस योजना के लिए 308 करोड़ का प्रावधान
राज्य सरकार के स्वच्छता कार्यक्रम के तहत दुर्गम पहाड़ी इलाकों में रह रहे लोगों के निजी आवास सहित पूरे राज्य में शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है. योजना का क्रियान्वयन कर रही स्वच्छता के लिए राज्य की
प्रमुख एजेंसी 'सुचित्व मिशन' ने इसके लिए कुल 308 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान रखा है.
सुचित्व मिशन की कार्यकारी निदेशक के. वासुकी ने कहा कि देश के सबसे घनी आबादी वाले केरल राज्य में 'खुले में शौच मुक्त कार्यक्रम' को लागू करना एक मुश्किल और चुनौतीपूर्ण कार्य है. क्योंकि राज्य की भौगोलिक स्थिति भिन्न है. एक तरफ यहां तटीय इलाके हैं और दूसरी ओर पहाड़ी क्षेत्र हैं.
70,000 शौचालयों का निर्माण कार्य जारी
वासुकी ने कहा कि 'यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. हालांकि हमें विश्वास है कि राज्य इस साल नवंबर में नया मुकाम हासिल करेगा.' उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य के समूचे 941 ग्राम पंचायतों में करीब 1.9 लाख
शौचालयों का निर्माण करना है. इसके लिए 35 प्रतिशत शौचालयों के निर्माण का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है. करीब 70,000 शौचालयों का निर्माण कार्य चल रहा है.
मुख्यमंत्री पी. विजयन कर रहे हैं योजना की निगरानी
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पी. विजयन हर हफ्ते योजना की निगरानी कर रहे हैं. इस बात के भी आदेश जारी किए गए हैं कि परिजयोना में किसी तरह के वित्तीय प्रतिबंध नहीं होना चाहिए. मई में मुख्यमंत्री पद
ग्रहण करने के बाद विजयन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद राज्य में 'खुले में शौच मुक्त कार्यक्रम' ने गति पकड़ी थी.