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बाढ़ में लापता 30 से अधिक लोगों का GPR से पता लगाएगी केरल सरकार

केरल सरकार की ओर से ये बयान सोशल मीडिया पर उन अटकलों के बाद आया जिनमें कहा जा रहा था कि वायनाड और मलप्पुरम में सर्च ऑपरेशन बंद किए जाना वाला है. केरल सरकार ने फैसला किया है कि लापता लोगों की तलाश के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार की मदद ली जाएगी.

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केरल बाढ़ (फोटो-IANS)
केरल बाढ़ (फोटो-IANS)

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केरल के कुछ हिस्सों में पिछले दिनों बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ी. वायनाड और मलप्पुरम में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई. केरल सरकार ने शुक्रवार को साफ किया कि बाढ़ में जितने भी लोग लापता हैं, जब तक उन्हें ढूंढ नहीं निकाला जाता या उनके शव नहीं मिल जाते सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा.

दरअसल, केरल सरकार की ओर से ये बयान सोशल मीडिया पर उन अटकलों के बाद आया जिनमें कहा जा रहा था कि वायनाड और मलप्पुरम में सर्च ऑपरेशन बंद होने वाला है. केरल सरकार ने फैसला किया है कि लापता लोगों की तलाश के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) की मदद ली जाएगी.

केरल की एलडीएफ सरकार में परिवहन राज्य मंत्री ए के ससिन्द्रन ने ऐसी तमाम अटकलों को खारिज किया कि सरकार वायनाड और मलप्पुरम में सर्च ऑपरेशन बंद करने जा रही है. ससिन्द्रन ने फेसबुक पर पोस्ट में कहा कि सरकार सर्च ऑपरेशन तेज करने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का इस्तेमाल करेगी.

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ससिंद्रन ने पोस्ट में लिखा, ‘हैदराबाद से इस उपकरण (जीपीआर) को लाने के लिए वायु सेना के साथ बातचीत चल रही है. उम्मीद है कि इसे कल तक केरल पहुंच जाना चाहिए. शुरुआत में जीपीआर का इस्तेमाल वायनाड के कावलापारा क्षेत्र में किया जाएगा. फिर इसे पुथुमाला, वायनाड ले जाया जाएगा. सर्च ऑपरेशन तब तक जारी रखा जाएगा जब तक लापता लोग या उनके शव नहीं मिल जाते.’

बता दें कि केरल में बाढ़ और ज़मीन खिसकने की घटनाओं में अब तक 111 लोगों की मौत हो चुकी है. मलप्पुरम में सबसे ज्यादा लोग हताहत हुए, यहां 48 लोगों की मौत हुई है. कावलापारा क्षेत्र में 23 लोग अभी भी लापता हैं. इस क्षेत्र में 8 अगस्त की रात ज़मीन खिसकने की घटना में एक गांव का नामोनिशान तक नहीं रहा.

वायनाड में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. मेप्पडी में पुथुमाला क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं. यहां के लोगों का कहना है कि अभी भी मलबे के नीचे 7 लोग फंसे हैं. इस क्षेत्र में 150 हेक्टेयर से अधिक ज़मीन पर बाढ़ अपने साथ सब कुछ बहा कर ले गई. इनमें चाय बागान, मकान, मंदिर, चर्च को आपदा ने पूरी तरह मिटा दिया.

बता दें कि गुरुवार को राज्य प्रशासन ने वायनाड के पुथुमाला क्षेत्र में मानव शरीर के किसी भी संकेत का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित कुत्तों का सहारा लिया. लेकिन क्षेत्र में भारी कीचड़ की परत होने की वजह से इस अभियान में नाकामी हाथ लगी.

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क्या है ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार?

ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार एक ऐसा सिस्टम है जो मिट्टी, चट्टान, मलबे, कंक्रीट, पानी और बर्फ की सतह से नीचे की चीजों के बारे में भी पता लगा सकता है.

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