इस साल की IAS परीक्षा के परिणाम का ऐलान कर दिया गया है और इस बार केरल की हरिता वी कुमार ने बाजी मारी है, जबकि दिल्ली की स्तुति कुमार तीसरे नंबर पर रहीं. यही नहीं इस बार टॉप 10 में 5 लड़कियां शामिल हैं.
परिणाम के मुताबिक केरल की हरिता ने IAS परीक्षा टॉप की है. साल 1991 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है जब केरल का कोई उम्मदवार इस परीक्षा में अव्वल आया हो. केरल के लोगों के लिए खुश होने की एक और वजह है. केरल के ही दो अन्य उम्मीदवारों वी श्रीराम और जॉन वर्गीज ने क्रमश: दूसरी और चौथी रैंक पर कब्जा किया है.
हरिथा कुमार के लिए यह चौथी और आखिरी कोशिश थी. वह अभी दिल्ली के निकट फरीदाबाद में भारतीय राजस्व अधिकारी (आईआरएस) का प्रशिक्षण ले रही हैं. वह पेशे से इंजीनियर हैं.
उन्होंने कहा, 'पहली कोशिश में मैं सफल नहीं रही. दूसरी कोशिश में मुझे 179वां स्थान मिला और मैं भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुनी गई. लेकिन मैंने आईआरएस चुना. तीसरी कोशिश में मुझे 290वां स्थान मिला. और इस बार मुझे वह मिल गया, जिसकी मुझे तलाश थी. मैं दिल से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनना चाहती थी.' परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में उन्होंने अर्थशास्त्र और मलयालम भाषा का चुनाव किया था.
चौथे स्थान पर रहे वर्गीज एर्नाकुलम जिले में केरल सरकार की सेवा में चिकित्सा अधिकारी हैं. वर्गीज ने कहा, 'यह मेरी पहली कोशिश थी. मैंने पिछले साल जनवरी में तैयारी शुरू की थी. वैकल्पिक विषयों के रूप में मैंने मेडिसीन और मलयालम लिया था. इस परीक्षा में रटने से कुछ हासिल नहीं होता है. कड़ी मेहनत से ही मैंने अपने बचपन के सपने को साकार किया है.'
1991 में प्रथम स्थान पर रहे और अभी केरल में नौकरशाह राजू नारायण स्वामी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि यह धारणा टूटी है कि केरल के छात्र लोक सेवा परीक्षा में बेहतर स्थान हासिल नहीं कर सकते. स्वामी ने कहा, 'इस बार केरल का प्रदर्शन बेहतरीन है. यह उन लोगों को करारा जवाब है, जो यह सोचते हैं कि केरल के छात्र इस परीक्षा में बेहतर नहीं कर सकते हैं.'