केरल में बारिश की तबाही जैसे कभी ना खत्म होने वाली त्रासदी बन गई है. तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम समेत कई जिलों में शुक्रवार रात तक 324 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ से कराहते केरल का शनिवार को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने जायज़ा लिया.
कोच्चि पहुंचने पर सबसे पीएम मोदी ने वहां के मुख्यमंत्री और आला अफसरों के साथ बाढ़ के हालात पर चर्चा की फिर बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया. पीएम मोदी ने बाढ़ राहत कोष से केरल को 500 करोड़ की मदद का भी ऐलान किया है. इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी 100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान कर चुके हैं.
केंद्र का 500 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित केरल के लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की. यह 12 अगस्त को घोषित 100 करोड़ रुपये से अलग है. पीएम मोदी ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया कि अनुरोध के अनुसार खाद्यान, दवाइयों सहित राहत सामग्री प्रदान की जाएगी.
केंद्र की मदद पर उठे सवाल
इस बीच कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा महज 500 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने पर पीएम मोदी पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केरल ने 2000-3000 करोड़ की मदद मांगी है. कांग्रेस ने केरल में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया है.
In Kerala, there has been a damage worth 2000-3000 crores. Congress party demands that #KeralaFloods be declared a national calamity: Randeep Surjewala, Congress pic.twitter.com/lVisJQKv1x
— ANI (@ANI) August 18, 2018
वहीं, केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने केंद्र सरकार द्वारा महज 500 करोड़ रुपये की सहायता राशि के दिए जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि 500 करोड़ पर्याप्त नहीं हैं, केंद्र को कम से कम 1000 करोड़ रुपये की पहली किश्त देनी चाहिए.
सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि केंद्र द्वारा दी गई मदद अपर्याप्त है. केंद्र को केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए. केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी एक राष्ट्र की बात करती है, लेकिन केरल की मदद के लिए ऐसा नहीं दिखता. बिहार, कश्मीर और उत्तराखंड को सभी ने मदद दी थी, ऐसी परिस्थितियों में भेदभाव नहीं करना चाहिए.
अब तक इन राज्यों ने की मदद
कुदरत की मार झेल रहे केरल की देश के कोने-कोने से मदद की जा रही है. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए 5 करोड़ की सहायता देने का ऐलान किया है. दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि आम आदमी पार्टी के सभी विधायक अपनी एक महीने की सैलरी केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए भेजेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए 10 करोड़ की सहायता देने का ऐलान किया है.
केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने 10 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 20 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. कांग्रेस के सभी सांसदों, विधायकों, एमएलसी ने अपने एक महीने का वेतन केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए देने की घोषणा की है.
तमिलनाडु सरकार ने केरल के लिए 5 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. साथ ही 500 मीट्रिक टन चावल और 300 मीट्रिक टन पाउडर दूध भी भेजने का फैसला किया है. वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी केरल को मदद राशि के तौर पर 5 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने 245 फायरमैन को नावों के साथ भेजने का फैसला किया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बाढ़ प्रभावित केरल की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि देने का ऐलान किया.
SBI ने केरल को दिए 2 करोड़ रुपये
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने केरल में बाढ़ पीड़ितों और संकटग्रस्त राज्य को वापस पटरी पर लाने के लिए दो करोड़ दान में दिए हैं. एसबीआई ने अपने सभी 270,000 कर्मचारियों को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया और बैंक बराबर राशि का योगदान देगा.
राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शाखाओं और एटीएम के काम को बहाल करने के प्रयासों के अलावा बाढ़ से राहत के लिए ऋण देने, डुप्लिकेट पासबुक, एटीएम कार्ड, चेक बुक सेवाओं और ईएमआई में देरी होने को लेकर शुल्क में छूट देने का भी ऐलान किया है.
केरल बाढ़ राहत के लिए 10 करोड़ रुपये देगा पंजाब
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाढ़ से जूझ रहे केरल राज्य को तुरंत 10 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. मुख्यमंत्री पंजाब राहत कोष में से पांच करोड़ रुपये की राशि केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजे जा रहे हैं. वहीं शेष पांच करोड़ रुपये तैयार खाद्य वस्तुओं और अन्य वस्तुओं के रूप में भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा भेजे जाएंगे.
बता दें कि राहत एवं बचाव कार्यो में सेना, वायुसेना और नौसेना के नेतृत्व में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमों के साथ 1,300 कर्मियों और 435 नौकाओं को तैनात किया गया है. संसाधनों को पहुंचाने के लिए 20 विमानों के अलावा 38 हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं. केरल में बाढ़ के कहर से 3.14 लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. करीब 2.5 लाख लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
अब तक राहत और बचाव के काम में जुटी टीमों ने करीब 82 हजार, 442 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है. इनमें 71,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित एर्नाकुलम जिले के अलुवा क्षेत्र से थे. 223,139 लोग राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं. युद्धस्तर पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन है. नेवी, एयरफोर्स, आर्मी और एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं.