बिहार में शराब को बैन करने के 2 साल बाद राज्य सरकार एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है. अगर सब कुछ सही रहा तो राज्य की नीतीश सरकार खैनी को बैन कर सकती है.
राज्य सरकार ने केंद्र को एक पत्र लिखा है जिसमें खैनी को खाद्य उत्पाद के रूप में सूचित करने का अनुरोध किया गया है. खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा खाद्य उत्पाद के रूप में अधिसूचित किए जाने के बाद, सरकार के पास स्वास्थ्य आधार पर खैनी पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति होगी.
IndiaToday.in से बात करते हुए बिहार के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) संजय कुमार ने पुष्टि की कि उन्होंने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि बिहार में हर पांचवां शख्स खैनी का सेवन करता है.
उन्होंने कहा कि हमारे पास नियम हैं जो सिगरेट के रूप में तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करते हैं, लेकिन खैनी की खपत ज्यादा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में तंबाकू की खपत में कुल मिलाकर गिरावट दर्ज हुई है. पिछले सात साल में, तंबाकू की खपत की 53 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत हो गई है, हालांकि, खैनी (कच्चे तंबाकू) का उपभोग करने वाले लोगों की संख्या चिंताजनक रही है.
ये भी पाया गया है कि मुंह में कैंसर होने के पीछे खैनी ही मुख्य कारण रहा है.