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किंगफिशर के पूर्व कर्मचारियों ने PM से लगाई गुहार

पूर्व कर्मचारियों ने पीएम मोदी से अपील की है कि वह कंपनी से उनके बकाया राश‍ि के भुगतान मामले में दखल दें और मदद भी करें.

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किंगफिशर के पूर्व कर्मचारी
किंगफिशर के पूर्व कर्मचारी

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देश के कई बड़े बैंकों से 9000 करोड़ का कर्ज लेकर विजय माल्या देश छोड़कर चले गए हैं. मामले में सीबीआई से लेकर सरकार तक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं अक्टूबर 2012 में बंद हुई किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारी अपना बकाया न मिलने से परेशान हैं. अब इन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मदद मांगी है.

अपनी चिट्ठी में पूर्व कर्मचारियों ने पीएम मोदी से अपील की है कि वह उनके मामले में दखल दें और मदद भी करें. इन लोगों का कहना है कि उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी परेशान कर रहा है, जबकि गलती कंपनी की है. किंगफिशर के पूर्व कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें ड्यूज का पेमेंट नहीं किया गया. इसमें सैलरी के अलावा, प्रोविडेंट फंड और ग्रैच्युटी भी शामिल है.

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कानूनी खामियों का जिक्र
पूर्व कर्मचारियों ने अपनी चिट्ठी में देश में कर्मचारियों को लेकर कानून की खामियों की भी चर्चा की है. उन्होंने लिखा है, 'हमारे मौजूदा कानून जो कर्मचारी के हितों की रक्षा करने वाले थे, अब बेमानी हो गए हैं. यह अब उन उद्देश्यों की पूर्ति करते नजर नहीं आते, जिसके लिए इन्हें बनाया गया था. इस ओर सबसे अच्छा उदाहरण यह होगा कि हमारे कुछ सहयोगी, जो कानूनी फीस वहन कर सकते हैं अदालत के पास गए. लेकिन उनके पक्ष में फरमान के बाद भी उन्हें जो पैसा मिला वह बकाया से काफी कम है. यह हमारी न्याय प्रणाली का मजाक ही है. इसके अलावा कई अन्य कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दर याचिका कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.'

दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी
मामले में शनिवार को इन लोगों ने किंगफिशर एयरलाइंस के दफ्तर के बाहर नारेबाजी और प्रदर्शन भी किया. पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि उनके पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह मामले में कानूनी लड़ाई लड़ सकें.

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