पूर्व आईपीएस अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्ना हजारे की अहम सहयोगी किरण बेदी ने कहा है कि हम बीजेपी से अच्छी सरकार की उम्मीद कर सकते हैं. आम आदमी पार्टी के दिल्ली शासन की आलोचना करते हुए किरण बेदी ने राजनीति में आने की अटकलों पर भी बात की. एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैं किसी भी फैसले के लिए अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनूंगी, किसी के न्योते या सहमति का इंतजार नहीं करूंगी.
बहुत जल्दबाजी थी आम आदमी पार्टी को
दिल्ली की केजरीवाल सरकार की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए किरण बेदी ने कहा कि खुद आम आदमी पार्टी यह स्वीकार रही है कि वह बहुत जल्दबाजी में थे. इस पार्टी का मकसद था खुद को आम चुनाव के लिए तैयार करना और ऐसे में सभी फैसले वोट बैंक को ध्यान में रख लिए जा रहे थे. बेदी के मुताबिक इस सरकार के फैसलों के चलते पहली बार दिल्ली में वर्ग आधारित विभाजन हुआ. दिल्ली पुलिस और तमाम दूसरे सरकारी तंत्र के मनोबल पर असर पड़ा. उनके मुताबिक केजरीवाल सरकार का पूरा ध्यान बस मीडिया की सुर्खियां बटोरने पर था.
अन्ना हजारे के फैसले की इज्जत करती हूं मैं
अन्ना हजारे के तृणमूल कांग्रेस और उसकी सुप्रीमो ममता बनर्जी का सियासी समर्थन करने के फैसले पर किरण बेदी ने कहा कि अन्ना स्वयं में एक संस्था हैं. कई मुद्दों पर उनकी निजी राय है. ऐसे में सबसे अच्छा यही होगा कि मैं उनके रुख का सम्मान करूं और अपनी राय भी कायम रखूं.
बीजेपी के पक्ष में दी अपनी राय
तीसरे मोर्चे से जुड़े सवाल पर बेदी ने कहा कि आज मतदाताओं के सामने दो विकल्प हैं. कांग्रेस ने अपने शासन में कई घोटाले किए हैं. बीजेपी से हम अच्छे शासन की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि इसका नेतृत्व एक अनुभवी और कसौटी पर कसा जा चुका शख्स कर रहा है.
बेदी ने तीसरे मोर्चे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कई पार्टियों के जमघट से राजनीतिक स्थायित्व नहीं मिलेगा. हम वोटर्स को स्पष्ट जनादेश देना होगा. उन्होंने कहा कि अच्छी गवर्नेंस और मजबूत नेतृत्व से भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलेगी.
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के सवाल पर किरण बेदी बोलीं कि जो लोग वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, वही इस तरह की चीजों पर बात करते हैं.मगर हमें विकास और समृद्दि की जरूरत है. हमें ऐसे लोगों की जरूरत है, जिनके लिए देश पहले आता है.