तेलंगाना बिल को लोकसभा की मंजूरी से नाराज आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने बुधवार को सीएम पद और कांग्रेस पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद इंडिया टुडे ग्रुप को दिए अपने पहले इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की इच्छा के खिलाफ तेलंगाना का फैसला लिया है. यही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिल को अलोकतांत्रिक ढंग से पास किया गया.
किरण कुमार रेड्डी ने कहा, 'मैंने हमेशा तेलुगु भाषी लोगों के विकास के लिए काम किया. मैं उनकी भलाई चाहता हूं. तेलंगाना का फैसला गलत है. मैं अपनी पार्टी के निर्णय के भी खिलाफ हूं इसलिए इस्तीफा देने का फैसला किया. इससे प्रदेश को भविष्य में कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.'
किरण रेड्डी ने आगे कहा कि राज्य के बंटवारे से छात्रों, किसानों समेत सभी नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. शिक्षा से लेकर व्यवसायिक बाजार और नौकरी तक की समस्या आने वाली है. सरकार का फैसला बगैर हित-अहित सोचे लिया गया है. अच्छे अस्पताल हैदराबाद में हैं. वहां शिक्षा के बेहतर विकल्प हैं, प्राइवेट नौकरियां हैं.
'क्या यही परिपक्व लोकतंत्र है'
लोकसभा में मंगलवार को जो कुछ हुआ उस पर बात करते हुए किरण रेड्डी ने कहा, 'लोकसभा में जो कुछ हुआ वह बहुत बुरा है. आप मुद्दे से जुड़े लोगों को ही सदन से दूर रखना चाहते हैं. क्या यही लोकतंत्र है.' उन्होंने आगे कहा, 'आप सदन की पूरी कार्यवाही को लोगों से छुपाकर रखते हैं. बगैर सबकी सुने बिल पास हो जाता है. आखिर इस तरह रहस्यमय तरीके से यह सब करने की क्या जरूरत पड़ी. क्या किसी भी परिपक्व लोकतंत्र की यही दशा होती है.'
किरण रेड्डी ने बताया कि संसद में हंगामा करने वाले सांसदों से उनकी बात हुई है, सभी शर्मिंदा हैं. जो भी हुआ वह गलत हुआ.