केंद्रीय गृह मंत्रालय नगालैंड को AFSPA के तहत अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया और हैरानी की बात यह है कि इस बारे में पूर्वोत्तर विभाग को देखने वाले गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू को सूचित भी नहीं किया गया.
रिजिजू हैं नाराज
इस मामले में उनकी नाराजगी को लेकर स्पष्ट संकेत सामने आ रहे हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि नगालैंड में अशांत क्षेत्र की अवधि को और एक साल के लिए बढ़ाने संबंधी फाइल कभी रिजिजू के पास पहुंची ही नहीं जबकि वह तकनीकी रूप से पूर्वोत्तर विभाग के प्रमुख हैं. इस तथ्य को भी नजरअंदाज किया गया कि पूर्वोत्तर से जुड़े मुद्दों पर वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और लगातार देश के उस हिस्से की यात्रा कर रहे हैं.
'मुझे जानकारी नहीं'
संपर्क करने पर रिजिजू ने कहा उन्हें नगालैंड में अशांत क्षेत्र की अवधि बढ़ाने के किसी फैसले की जानकारी नहीं है. उन्होंने अपनी नाराजगी का संकेत देते हुए कहा, 'मुझे नगालैंड में अशांत क्षेत्र की अवधि बढ़ाने के किसी फैसले की जानकारी नहीं है.' नगालैंड में इस फैसले को लेकर असंतोष की रिपोर्टे हैं और सिविल सोसाइटी ग्रुपों के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने अपना आक्रोश जाहिर किया है.
केंद्र ने किया नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित
30 जून को केंद्र ने पूरे नगालैंड को यह कहते हुए अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया था कि राज्य में एक खतरनाक स्थिति बनी हुई है और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सशस्त्र बलों को नागरिक प्रशासन की मदद करनी चाहिए.