scorecardresearch
 

रिजिजू बोले- देश में असहिष्णुता नहीं पर जाति की राजनीति ने नोंच-नोंच कर खाया

रिजिजू ने कहा कि मंदिरों और दरगाहों में महिलाओं के साथ किया जाने वाला भेदभाव गलत है. धर्मगुरुओं को इसपर चर्चा करनी चाहिए. संविधान में पुरुष और महिला दोनों को बराबरी का दर्जा दिया गया है.

Advertisement
X
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू

Advertisement

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने देश में बढ़ती असहिष्णुता जैसे आरापों को सिरे से खारिज किया है. 'आज तक' से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता नहीं बढ़ी है, बल्कि‍ कांग्रेस असहिष्णु हो गई है. उन्होंने कहा कि असल में कांग्रेस पार्टी किसी और दल को केंद्रीय सत्ता में देख नहीं पा रही है.

दर्शकों के सवाल का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा कि मंदिरों और दरगाहों में महिलाओं के साथ किया जाने वाला भेदभाव गलत है. धर्मगुरुओं को इस ओर चर्चा करनी चाहिए. संविधान में पुरुष और महिला दोनों को बराबरी का दर्जा दिया गया है, वहीं अरविंद केजरीवाल के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि वह अराजक हैं, संविधान को नहीं मानते ऐसे में उनके मुंह लगना ठीक नहीं है.

Advertisement

सवाल: दलित हत्याकांड या दादरी जैसे मामलो में राजनेता पहुंचते हैं, लेकिन पठानकोट में शहीदों के घर कोई नहीं जाता?
रिजिजू: पठानकोट वाली घटना का अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक दल साथ देते हैं तो उनको वोट नहीं मिलता है. जाति की राजनीति ने हिंदुस्तान को नोंच-नोंच कर खाया है. कांग्रेस और कम्युनिस्ट वाले लोग इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. देश में किसी की जाति या धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. लेकिन जब उसमें राजनीतिक रंग दे दिया जाता है तो विषय ही बदल जाता है. कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि उसने अब तक दलितों के लिए क्या किया है.

सवाल: बीते कुछ वर्षों में देश के श‍िक्षण संस्थानों में नक्सलवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं, उसके लिए गृह मंत्रालय क्या कर रही है?
रिजिजू: शिक्षण संस्थान एचआरडी मंत्रालय के तहत आते हैं. एजुकेशन राज्य का विषय है. जैसे एफटीटीआई का मामला है, वहां केंद्र सरकार को चेयरमैन नियुक्त करने का अधिकार है. अब जब ऐसा किया गया तो राजनीतिक रंग दिया जाता है कि आप ऐसा नहीं कर सकते. राजनीति रंग देते ही मुद्दा बदल जाता है. छात्र भी वहां विरोध कर रहे थे, लेकिन ये बताइए कि क्या छात्रों के कहने पर प्रिंसिपल नियुक्त किया जाएगा.

Advertisement

सवाल: क्या भारत असहिष्णु है?
रिजिजू: बिल्कुल नहीं. देश को असहिष्णु कांग्रेस वालों ने बनाया है. कांग्रेस ने इतना लंबा शासन किया कि वह दूसरे किसी को सत्ता में देखना सहन ही नहीं कर सकते. देश ने हमें बहुमत दिया. कांग्रेस को यह समझना चाहिए, लेकिन वह तो पहले दिन से असहिष्णु है.

सवाल: लेकिन जो फिल्मस्टार्स कह रहे हैं, उनका क्या?
रिजिजू: ये मोटिवेटेड है. मैं किसी का नाम नहीं ले रहा. लेकिन अगर कोई किसी से कोई बयान दिलवाता है तो उससे देश का मन नहीं बदलने वाला है. आमिर खान के अलावा या शाहरुख खान के अलावा भी बहुत से लोगों ने कहा है कि देश में कोई असहिष्णुता नहीं है.

सवाल: महिला सुरक्षा को लेकर सरकार के पास क्या ब्लूप्रिंट है?
रिजिजू: यह बहुत गंभीर मामला है. इसके दो पहलू हैं. एक सरकार क्या कदम उठा रही है, दूसरा सामाजिक स्तर पर हम क्या सोच रखते हैं. अगर महिला घर में ही सुरक्षित नहीं है तो आप इसको क्या कहेंगे. घर के अंदर महिलाओं से रेप हो रहा है. पुलिस की कार्रवाई तो जरूरी है, लेकिन सामाजिक स्तर पर घटनाओं को रोकने के लिए काम जरूरी है. इस ओर अवेयरनेस फैलाने की जरूरत है. पिछले साल से रजिस्ट्रेशन ऑफ क्राइम अगेंस्ट वुमन में बढ़ोतरी हुई है. हमने सुनिश्चि‍त किया है कि अगर महिलाओं के खि‍लाफ कोई घटना होती है तो उसको दाखि‍ल करना ही है और कार्रवाई करनी ही है.

Advertisement

सवाल: निर्भया सेंटर्स और इसको लेकर फंड के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
रिजिजू: अवेयरनेस को लेकर हमने बहुत सा काम किया है. निर्भया फंड को हम बहुत बड़े स्तर पर शुरू करने वाले हैं. चाहे राज्य सरकार के स्तर पर काम करना हो, हम पूरा सहयोग कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस को देख लीजिए, महिलाओं को लेकर ट्रेनिंग, अवेयरनेस के कार्यक्रम चालया जा रहे हैं. हां, अभी इस ओर बहुत कुछ करने की जरूरत है और हम कर रहे हैं.

सवाल: मंदिरों और दरगाहों में महिलाओं को लेकर भेदभाव पर आप क्या कहना चाहेंगे?
रिजिजू: हमारा देश संविधान से चलता है. संविधान में महिला और पुरुष को बराबर का दर्जा है. कुछ मंदिरों और धार्मिक जगहों ने जो अपना सिस्टम बनाया है, अब हमने हर जगह जाकर सिस्टम के पीछे चेक नहीं किया है. हम यही कहते हैं कि भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैं सं‍वैधानिक पद पर बैठा हूं और यही कहना चाहूंगा. धर्मगुरुओं के बीच में भी यह चर्चा होनी चाहिए कि महिलाओं को लेकर भेदभाव न हो.

सवाल: निर्भया हत्याकांड जैसी घटना दोबारा नहीं होगी, इसकी क्या गारंटी है?
रिजिजू: हमारे कमिटमेंट में कोई कमी नहीं होगी, इसकी गारंटी हम देते हैं.

सवाल: लोगों के मन में डर है, दिल्ली पुलिस राजनीति में उलझी है. गणतंत्र दिवस आता है तो सुरक्षा कड़ी हो जाती है?
रिजिजू: सिर्फ दिल्ली पुलिस की बात नहीं है. यह समाज के हर जगह अवेयरनेस की बात है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ वीआईपी की सुरक्षा हमारे लिए मायने रखता है. सुरक्षा का प्रबंध पहले जैसे करते थे, आज के समय में वह बदल गया है. पुलिस के कामकाज का तरीका भी बदला है. सिर्फ पुलिस पर सबकुछ छोड़ने से काम नहीं चलेगा. अब इंटरनेट और मोबाइल का जमाना है. नई तरह की चुनौतियां हैं.

Advertisement

सवाल: दिल्ली पुलिस पर केजरीवाल की जो जिद है, उसे कैसे हैंडल करेंगे?
रिजिजू: केजरीवाल जी के बारे में मुझसे ज्यादा सवाल मत कीजिए. वह पढ़ा-लिखा आदमी है. मैं जब उनसे मिला तो मिलने से तो बहुत अच्छे हैं. व्यवहार भी अच्छा करते हैं, लेकिन बाहर जाकर टीवी में जो बोलने लग जाते हैं, भाषणबाजी करते हैं तो लगता है कि अरे ये गलत बात कैसे कर सकते हैं. देखने में तो भोले भाले हैं. वह खुद कह चुके हैं कि वह अराजक हैं, कानून को नहीं मानते हैं. संविधान को नहीं मानते हैं. वह खुद ही कह चुके हैं, उनके मुंह लगना ठीक नहीं है.

हम उनको इज्जत देते हैं, लेकिन उनको भी अपने पद की गरिमा रखनी चाहिए. वह अपने ही अफसर को गाली देते हैं. वह शासन नहीं चला सकते तो प्रधानमंत्री जी का नाम लेते हैं. जबकि पीएम मोदी दिनरात काम में लगे रहते हैं. यह देश का सौभाग्य है कि देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है. लेकिन उनको कमजोर करने के लिए अरविंद जैसे लोग दुनियाभर की बात करते हैं.

सवाल: तिरंगा फहराने पर, राष्ट्रागान सिखाने पर देश में कई जगहों पर भीड़ उग्र हो जाती है. इसके लिए सरकार क्या कर रही है?
रिजिजू: हम गृह मंत्रालय में बैठे हैं तो हमारे पास हर सुबह हजारों रिपोर्ट आती हैं कि यहां यह हुआ, वहां वह हुआ. हम हर जगह कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. जो बड़े मुद्दे हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा है हम उसे देखते हैं. जो छोटी घटनाएं हैं, उनके लिए लोकल एजेंसी जो लोकल स्टेट है वह कार्रवाई करता है और हम रिपोर्ट लेते हैं.

Advertisement

सवाल: आतंकवाद ही नहीं हिंसा भी समस्या है, सुब्रमण्यम स्वामी राम मंदिर का मुद्दा उठाते हैं तो क्या इससे दंगा नहीं भड़केगा?
रिजिजू: इतने बड़े मुल्क में बोलने की आजादी होनी चाहिए. कोई अगर कुछ बोल रहा है तो उसको कैसे रोक सकते हैं. लेकिन सामान्य तरीके से कानून के दायरे में रखकर अपनी इच्छा जाहिर करने का हर किसी को हक है. जहां तक राम मंदिर का सवाल है तो यह इसको लेकर कोर्ट में केस चल रहा है.

Advertisement
Advertisement