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कीर्ति आजाद ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी, कहा- पार्टी विरोधी गतिविधि का सबूत दो

कीर्ति आजाद ने अमित शाह को चिट्ठी लिखकर कहा कि उन्हें पार्टी से निकालने की जो वजह बताई गई है उसका सबूत दिया जाए.

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बीजेपी से सस्पेंड किए गए सांसद कीर्ति आजाद ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर अपनी ईमानदारी का बखान किया है. आजाद ने लिखा कि 1993 से अब तक उन्होंने कभी पार्टी का अहित नहीं सोचा.

अपनी चिट्ठी में कीर्ति आजाद ने लिखा, 'मुझे 23 दिंसबर की तारीख का एक पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते मुझे पार्टी के संविधान के तहत प्राथमिक सदस्यता से सस्पेंड किया जाता है.' उन्होंने यह भी कहा कि पत्र में कहा गया है कि मैंने संसद के अंदर और बाहर गलत बयानबाजी करके अनुशासनहीनता की है और ऐसे बयान दिए हैं जिनसे पार्टी की छवि खराब होती है.

'मेरा 23 साल का रिकॉर्ड है गवाह'
कीर्ति आजाद ने आगे लिखा- 'मैं 1993 से बीजेपी का एक ईमानदार सिपाही रहा हूं, जब मैं नई दिल्ली विधानसभा से विधायक चुना गया था बीजेपी में शामिल होने से लेकर अब तक कोई भी आरोप मुझ पर नहीं लगा. मैं एक बार फिर अपनी बात दोहराता हूं कि मैं अब भी बीजेपी का एक ईमानदार कार्यकर्ता हूं और पार्टी को शर्मसार करने जैसा मेरा कोई इरादा नहीं रहा. मेरा 23 साल का रिकॉर्ड इसका सबूत है.'

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'जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं सबूत'
कीर्ति आजाद ने सस्पेंड करने की वजह पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें इस बात का सबूत दिया जाए कि वह पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल थे. उन्होंने कहा, 'मुझे जल्द से जल्द सबूत उपलब्ध कराए जाएं ताकि मैं पूरे मामले में अपना पक्ष रख सकूं और आपको आश्वस्त कर सकूं कि मैं किसी भी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं हूं.'

उन्होंने यह भी कहा कि पत्र में डीडीसीए घोटाले का जिक्र नहीं है ऐसे में यह साफ होता है कि इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.

कीर्ति आजाद ने जारी किया था वीडियो
20 दिसंबर को कीर्ति आजाद ने 28 मिनट का एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि DDCA में आर्थिक हेरफेर के लिए अरुण जेटली जिम्मेदार हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि जेटली के नेतृत्व में जिन 14 कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिए गए, वे फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए रजिस्टर कराई गई थीं.

मार्गदर्शक मंडल का दरवाजा भी खटखटाया
आजाद ने सस्पेंड किए जाने के बाद बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सामने भी मुद्दा उठाया. उन्होंने अपील की- मार्गदर्शक मंडल मामले में दखल दे. इसे लेकर वह लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और शांता कुमार से भी मिले थे. सूत्रों के मुताबिक, मार्गदर्शक मंडल जेटली के खिलाफ जांच के पक्ष में है.

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कीर्ति आजाद के समर्थन में हैं स्वामी
कीर्ति आजाद को बीजेपी से निलंबित किए जाने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने उनका साथ देने का वादा किया है. स्वामी ने कहा कि उन्हें कीर्ति की मदद करने का पूरा अधिकार है. आज तक से खास बातचीत में स्वामी ने कहा कि इस तरह से कीर्ति आजाद के निलंबित करने से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है. स्वामी ने कहा कि कीर्ति आजाद को उनकी बात रखने का मौका दिए बिना निलंबित कर दिया गया. इस मामले पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाकर फैसला किया जाना चाहिए. इससे पहले स्वामी ने गुरुवार को कहा था कि कीर्ति आजाद एक ईमानदार नेता हैं और पार्टी को उनके जैसे इंसान को खोने की गलती नहीं करनी चाहिए.

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