दिल्ली से सटे गाजीपुर में किसान अपने आंदोलन को लेकर डटे हुए हैं. मंगलवार को कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनसे बात की और उनकी समस्याएं सुलझा लेने का भरोसा दिलाया. शेखावत ने किसानों से अपनी बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेती को मनरेगा में शामिल करने के लिए 6 मुख्यमंत्रियों का एक पैनल बनाने की घोषणा की है.
शेखावत ने कहा कि किसानों की ज्यादातर मांगे मान ली गई हैं. ट्रैक्टर को एनजीटी के आदेश से मुक्त करने के लिए सरकार जल्द सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी. एनजीटी ने अपने एक आदेश में 10 साल पुराने ट्रैक्टर को उपयोग में नहीं लेने का आदेश दिया है. इसके खिलाफ किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. शेखावत ने कहा कि जीएसटी को लेकर किसानों की जो मांगें हैं, उन्हें जीएसटी परिषद में प्रस्तावित किया जाएगा.
दूसरी ओर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान आंदोलन पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें योगी ने कहा, पिछले चार साल में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने किसानों की हर समस्याएं सुलझाने की कोशिश की है. देश की आजादी के बाद मोदी सरकार अब तक की सबसे संवेदनशील सरकार है.
For the first time since independence, farmers came into the agenda of a government which is evident from the work done by BJP govt in the past 4.5 years for farmers. BJP government led by PM Narendra Modi solved all the issues of the farmers: UP CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/g8mPdKZyF7
— ANI UP (@ANINewsUP) October 2, 2018
सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता के बारे में भाकियू के प्रवक्ता युद्धवीर सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'दरअसल 11 मुद्दों पर बात हुई जिनमें 7 मुद्दों पर सरकार मान गई है लेकिन 4 मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं. सरकार का कहना है कि अगली बैठक में इनका समाधान निकल सकता है क्योंकि ये मु्द्दे वित्तीय हैं.
We had a discussion on 11 points. Govt agreed on 7 points but didn't agree on 4 points yet. They said they will have to think about those meetings in a further meeting after which they will tell us, as it is a financial matter: Yudhvir Singh, Bharatiya Kisan Union Spokesperson pic.twitter.com/t4PTedzW0U
— ANI (@ANI) October 2, 2018
युद्धवीर सिंह ने कहा, सरकार ने अपने कुछ स्टैंड साफ नहीं किए, इसलिए किसान बातचीत से असंतुष्ट हैं. कर्जमाफी पर भी सरकार ने कुछ स्पष्ट नहीं कहा. इसपर बात में बात करने का आश्वासन दिया गया.
कुछ ऐसी ही बात भाकियू के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कही. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं है. हमारी कोई भी मांग पूरी नहीं हुई है. प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा. टिकैत ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि किसानों की कुछ मांगें मान ली गई हैं लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है.
इससे पहले, अपनी मांगों को पूरी करवाने के लिए हरिद्वार से चला हजारों किसानों का काफिला दिल्ली की सरहद तक पहुंच गया. मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई वाला मार्च गाजियाबाद पहुंचा और यहां पर पुलिस से झड़प हुई.
यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने यहां पर बैरिकैडिंग कर दी थी, जहां किसान और पुलिस के बीच तीखी बहस हो गई. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले छोड़े.
किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष के बाद किसानों के प्रतिनिधियों ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इस दौरान कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे. मुलाकात के बाद कृषि राज्यमंत्री ने बयान दिया कि अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई है, किसानों को इस बात की जानकारी दी जा रही है. किसान नेताओं से बातचीत के दौरान ही राजनाथ सिंह ने भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत से फोन पर बात की.
भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने राजनाथ सिंह के साथ बैठक के बाद कहा कि सरकार ने हमारी 4-5 मांगों को मान लिया है. इनमें मुख्य रूप से चार बातों को मान लिया गया है.
1. कृषि उपकरणों को GST के 5 फीसदी दायरे में रखा जाएगा.
2. डीजल से चलने वाले पुराने ट्रैक्टरों पर से NGT का बैन हटा दिया जाएगा.
3. एमएसपी मामले पर ये सहमति बनी है कि किसानों के उत्पाद को कम कीमत या गलत तरीके से बेचने पर रोक के लिए सरकार कानून लाएगी.
4. फसल बीमा
हालांकि, अभी किसानों की कर्ज माफी और स्वामीनाथन रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने पर सहमति नहीं बन पाई है. किसान नेता ने बताया कि हम इस प्रस्ताव को लेकर लोगों के पास जाएंगे, अगर वो इसे नहीं मानते हैं तो आंदोलन जारी रहेगा.
कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से आरंभ हुई थी. जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार (1 अक्टूबर) को गाजियाबाद तक पहुंच गए. जहां इन किसानों को रोक दिया गया.
मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे गाजीपुर बॉर्डर पर हालात लगातार बिगड़ते ही गए. हजारों किसानों ने जब यहां बैरिकैडिंग तोड़ दिल्ली की ओर आने की कोशिश की, तो पुलिस ने बल प्रयोग शुरू कर दिया. इस दौरान पुलिस ने सबसे पहले पानी की बौछारें की, उसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
ये नजारा जल्द ही घमासान में बदल गया, किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टरों के टायरों की हवा निकाल दी. पुलिसवाले लगातार किसानों को रोकने के लिए उनपर पानी की बौछारें मार रहे थे.