कोरोना महामारी से लड़ाई के बीच जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लड़ाई जारी है. लेकिन रविवार सुबह उस वक्त माहौल गमगीन हो गया, जब मालूम चला कि हंदवाड़ा के राजवार इलाके में मुठभेड़ के दौरान पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए. शहीद सुरक्षाकर्मियों में 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राकेश, लांस नायक दिनेश के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर शकील काजी शामिल हैं. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने मुठभेड़ में दो आतंकी को भी ढेर कर दिया. मरने वाले दोनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के थे. एक आतंकी स्थानीय बताया जा रहा है.
कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, 21-राष्ट्रीय राइफल्स की कमान संभाल रहे थे. 21-राष्ट्रीय राइफल्स हंदवाड़ा इलाके में सुरक्षा करती है. शुक्रवार को जैसे ही कर्नल आशुतोष को आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली वो अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए सर्च ऑपरेशन के लिए निकल पड़े. लेकिन जिस घर में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी दरअसल वो वहां नहीं थे.
इसके बाद कर्नल आशुतोष शर्मा आतंकियों को घेरने जिस दूसरे घर में दाखिल हुए, आतंकी दरअसल वहीं थे. शनिवार दोपहर को बाहर से कमांड ले रहे ऑफिसर्स का कमांडिंग ऑफिसर से संपर्क टूट गया. आखिरकार रविवार को एक घर से सभी लोगों का शव बरामद हुआ. इसमें दो आतंकी समेत पांच सुरक्षाकर्मियों का मृत शरीर भी मौजूद था.
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वीरता की वजह से पहले भी चर्चा में रहे
21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल आशुतोष अपनी साहस और वीरता की वजह से पहले भी चर्चा में रहे हैं. उन्हें दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. शहीद आशुतोष पिछले पांच सालों में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवाने वाले कर्नल रैंक के पहले कमांडिंग अफसर थे.
इससे पहले साल 2015 के जनवरी में कश्मीर घाटी में कर्नल एमएन राय शहीद हुए थे. इसके अलावा, उसी साल नवंबर में कर्नल संतोष महादिक भी आतंकियों के खिलाफ अभियान में शहीद हो गए थे.
कर्नल आशुतोष शर्मा काफी लंबे समय से गार्ड रेजिमेंट में थे. गार्ड रेजिमेंट लंबे समय से घाटी में सेवा दे रही है. कर्नल आशुतोष शर्मा इकलौते कर्नल थे, जिन्हें कश्मीर में दो बार वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. जिसमें एक कमांडिंग ऑफिसर के रूप में उनकी बहादुरी के लिए शामिल है.
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शहीद आशुतोष शर्मा को कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर अपने कपड़ों में ग्रेनेड छिपाए हुए आतंकी से जवानों की जिंदगी बचाने के लिए वीरता मेडल से सम्मानित किया जा चुका है. दरअसल, एक आतंकी उनके जवानों की ओर अपने कपड़ों में ग्रेनेड लेकर बढ़ रहा था, तब शर्मा ने बहादुरी का परिचय देते हुए आतंकी को गोली मारकर अपने जवानों की जान बचाई थी.