गोवा आरएसएस के प्रमुख सुभाष वेलिंगकर को हटाए जाने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी पर सियासी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. वेलिंगकर को हटाए जाने के विरोध में 400 से अधिक संघ कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. इन्होंने अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने की धमकी भी दी है.
स्कूलों में शिक्षा का माध्यम के मुद्दे पर बीजेपी सरकार के साथ वेलिंगकर का टकराव चल रहा था. हाल में वेलिंगकर के संगठन बीबीएसएम के सदस्यों ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को काले झंडे भी दिखाए थे, जिसके चलते आरएसएस ने बीते 31 अगस्त को उन्हें हटा दिया. आरएसएस की दलील थी कि वह ‘राजनीतिक गतिविधियों’ में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे जो संघ की परंपराओं के विरुद्ध है.
कौन हैं वेलिंगकर?
-वेलिंगकर बीते 54 साल से आरएसएस से जुड़े हुए हैं. पुर्तगालियों के शासन से गोवा के मुक्त होने के बाद जून 1962 में पणजी में महालक्ष्मी मंदिर में राज्य में आरएसएस की पहली शाखा लगी थी. वेलिंगकर उस शाखा में शामिल हुए थे. उस वक्त उनकी उम्र महज 13 साल की थी.
-वेलिंगकर उन 50 कार्यकर्ताओं में शामिल रहे हैं जिन्हें 1975 में इमरजेंसी के दौरान मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था. वेलिंगकर ने उस वक्त 10 महीने जेल में बिताए.
-68 साल के वेलिंगकर मूल रूप से टीचर रहे हैं. इन्होंने अपनी जिंदगी के 34 साल बतौर शिक्षक बिताए. इसमें सात साल हेडमास्टर और 18 साल प्रिंसिपल रहे.
-वेलिंगकर को 1996 में गोवा विभाग संघचालक की जिम्मेदारी सौंपी गई और वह इस पद पर करीब 20 साल रहे.
-भारतीय भाषा सुरक्षा मंच (बीबीएसएम) के संयोजक वेलिंगकर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को दिया जाने वाला अनुदान रद्द किए जाने की मांग करते रहे हैं.
-इनका कहना है कि गोवा में शिक्षा का माध्यम के तौर पर क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार की जरूरत है.
-वेलिंगकर का दावा है कि मौजूदा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और राज्य के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर सहित तमाम कार्यकर्ताओं को उन्होंने आगे बढ़ाया है. लेकिन आज इन दोनों के साथ वेलिंगकर के रिश्ते तल्ख हो गए हैं.