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ई. अहमद 7 बार चुने गए थे सांसद, खाड़ी देशों के मुद्दों पर रहे सक्रिय

अगस्त-सितंबर 2004 में इराक में आतंकवादियों ने कुछ भारतीयों को अगवा कर लिया था. भारत सरकार ने उन्हें रिहा करने के लिए जो कमेटी बनाई उसे ई अहमद ने ही हेड किया. इराक के अंदर और बाहर सक्रिय संगठनों-संस्थाओं से बातचीत के बाद ये कमेटी बंधकों को सुरक्षित रिहा करने में सफल रही.

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ई. अहमद
ई. अहमद

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संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान मंगलवार को केरल के सांसद और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेशनल प्रेसिडेंट ई. अहमद की तबीयत खराब हो गई थी. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में देर रात उनका निधन हो गया.

मनमोहन सरकार में बने मंत्री
78 साल के ई अहमद केरल से सांसद थे. मनमोहन सिंह की सरकार में वे विदेश राज्यमंत्री थे. वे इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेशनल प्रेसिडेंट थे. 78 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. वे दसवीं लोकसभा, ग्यारहवीं लोकसभा, बारहवीं लोकसभा, तेरहवीं लोकसभा और पंद्रहवीं लोकसभा सांसद के सदस्य रहे थे. 2004 से लेकर 2009 तक वे मनमोहन सरकार में विदेश राज्यमंत्री थे. वहीं 2009 से 2011 तक वे रेल राज्यमंत्री भी रहे थे. उन्होंने  राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया.

इसलिए चर्चा में रहे अहमद

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- अगस्त-सितंबर 2004 में इराक में आतंकवादियों ने कुछ भारतीयों को अगवा कर लिया था. भारत सरकार ने उन्हें रिहा करने के लिए जो कमेटी बनाई उसे ई अहमद ने ही हेड किया. इराक के अंदर और बाहर सक्रिय संगठनों-संस्थाओं से बातचीत के बाद ये कमेटी बंधकों को सुरक्षित रिहा करने में सफल रही.

- 2004 तक भारत से हज के लिए जाने वालों की संख्या 72 हजार तक सीमित थी. ई अहमद ने सऊदी प्रशासन के साथ इस मुद्दे पर बात की और हज कोटा बढ़ाकर एक लाख 70 हजार कराने में सफल रहे.

- 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुंबई हमले पर भारत का पक्ष रखा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाक के चरमपंथी संगठनों पर बैन के लिए राजी किया.

ई. अहमद ने 'गवर्नमेंट लॉ कॉलेज', तिरुवनंतपुरम से बीए और एलएलबी की डिग्रियां हासिल की हैं. वकील के रूप में अपनी प्रोफेशनल लाइफ शुरू करने वाले अहमद आज केरल के प्रमुख राजनेताओं में से एक हैं.

जानिए उनके राजनीतिक जीवन के बारे में..

1967-1991 - सदस्‍य, केरल विधान सभा (5 बार)

1982-1987 - कैबिनेट उद्योग मंत्री, केरल सरकार

1991 - पहली बार लोक सभा के लिए निर्वाचित, मई, 2016 में पुन: निर्वाचित होकर सातवीं बार संसद सदस्‍य बने.

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1993 - इस वर्ष से ई. अहमद अनेक मंत्रालयों एवं संगठनों के लिए संसदीय परामर्शदात्री और अन्य विशेष समितियों के सदस्‍य रहे.

1995 - महासचिव, इंडियन यूनियन मुस्‍लिम लीग (आईयूएमएल)

मई, 2004 - विदेश राज्‍य मंत्री

मई, 2009 - रेल राज्य मंत्री

जनवरी, 2011 - विदेश राज्‍य मंत्री का पदभार ग्रहण किया.

ई. अहमद की कई किताबें भी प्रकाशित हुईं हैं. उनकी प्रकाशित पुस्‍तकें :

'वन फॉरिन जर्नी एंड न्‍यूमरॅस मेमरीज'

'अ स्‍टोरी ऑफ रिनेशॉ ऑफ इंडियन मुस्‍लिम्‍स' (मलयालम में)

'द लीडर्स आई नो' (मलयालम में)

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