25 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 92 बरस के हो रहे है. अपने समय में अटल देश के बेहद लोकप्रिय नेताओं में से एक रहे. अटल बिहारी वाजपेयी अपनी राजनीतिक समझ के साथ-साथ अपने भाषण देने के अंदाज और कविता के कारण भी जाने जाते है. आइए जानते है अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन के कुछ अनकहे तथ्य...
इंदिरा गांधी के ताने पर अटल जी का चुटीला जवाब
अटल बिहारी वाजपेयी अपनी हाजिर जवाबी से हमेशा सुर्खियों में रहते थे. एक बार जब संसद में इंदिरा गांधी ने चर्चा के दौरान वाजपेयी के बारे में कहा कि वो हिटलर की तरह भाषण देते हैं और हाथ लहरा-लहरा कर अपनी बात रखते हैं. इसका जवाब देते हुए बाद में अटल ने कहा कि 'इंदिरा जी, हाथ हिलाकर तो सभी भाषण देते हैं, क्या कभी आपने किसी को पैर हिलाकर भाषण देते हुए भी सुना है?' इंदिरा गांधी जैसी शख्सियत को ऐसा जवाब देने का साहस सिर्फ अटल ही दिखा सकते थे.
पहले इन्हें पार लगाओ, फिर मुझे
पत्रकार सत्यपाल चौधरी ने एक लेख में लिखा है कि सितंबर 1992 में जब जम्मू के पास अखनूर में चिनाब नदी में बाढ़ आई थी तब वहां का नदी का पुल बह गया था. अटल तब इस क्षेत्र का दौरा करने आए. नदी पार जाने के लिए सेना मोटर बोट से लोगों को ले जाती, जब अटल यहां दौरा करने आए तो उनके साथ पार्टी नेता भी आए. जब अटल नाव में बैठे तो सेना के लोगों ने कहा नाव में कुल 4 लोग बैठ सकते है, इतना सुनते ही अटल नाव से उतर गए और कहा कि पहले इनको पार लगाओ, फिर मुझे लेकर जाना.
होली के दिवाने अटल ने नहीं मनाई होली
अटल बिहारी वाजपेयी को होली खेलने का बहुत शोक था, वह हमेशा होली के समय पार्टी दफ्तर या घर में जश्न में शरीक होते थे. वर्ष 2002 में गुजरात के भुज और कच्छ में भूकंप की घटना से आहत होकर वाजपेयी कुछ दिन रहने के लिए नैनीताल राजभवन आए थे. मार्च में होली के आसपास वहां कुछ दिनों तक रहे पर होली नहीं मनाई, बस वहां रहकर कुछ कविताएं लिखी.
पिता के साथ की कानून की पढ़ाई
हैरानी की बात है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने लॉ की पढ़ाई अपने पिता के साथ की थी. कानपुर के डीएवी कॉलेज में पिता-पुत्र दोनों एक साथ पढ़ते थे. दोनों ने एक ही कक्षा में लॉ की डिग्री हासिल की, इस दौरान दोनों एक ही साथ हॉस्टल में भी रहे.
अटल का था एक और नाम
सभी के चहेते अटल बिहारी वाजपेयी को उनके करीबी दोस्त और रिश्तेदार 'बाप जी' कहकर बुलाते थे. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में एक भाषण के दौरान उन्हें भारतीय राजनीति का 'भीष्म पितामाह' करार दिया था. अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय संगीत और नृत्य के शौकीन थे, वहीं छुट्टियों में घूमने के लिए वह अक्सर मनाली जाया करते थे.