scorecardresearch
 

कोलकाता में चली 'बुलेट ट्रेन', एक लाख से कम में हुई तैयार

भव्य और अपने आप में अनोखे दुर्गा पंडालों को बनाने के लिए मशहूर कोलकाता में एक पंडाल में बुलेट ट्रेन चलाई जा रही है.

Advertisement
X
फोटो साभार- ANI
फोटो साभार- ANI

Advertisement

देश में नवरात्र और दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है. इस दौरान दुर्गा पूजा पंडालों बनाने के लिए कई नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. भव्य और अपने आप में अनोखे दुर्गा पंडालों को बनाने के लिए मशहूर कोलकाता में ऐसे ही प्रयोग के तहत एक पंडाल में बुलेट ट्रेन चलाई जा रही है.

गुजरात के अहमदाबाद में प्रस्तावित बुलेट ट्रेन से पहले ये गौरव कोलकाता को मिल चुका है. नॉर्थ कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट पर बने इस पंडाल में बुलेट ट्रेन की प्रतिलिपि तैयार की गई है.

14 अक्टूबर से इस बुलेट ट्रेन को दर्शकों के लिए रखा गया है. जिसे देखकर दर्शकों में काफी उत्साह है. जानकारी के मुताबिक, इसे बनाने में 70 हजार रुपए की लागत लगी है.

 

दुर्गा पूजा के अनोखे रंग

Advertisement

वहीं कोलकाता में ही हल्दी की गांठ और हल्दी पाउडर से दुर्गा पूजा का पंडाल तैयार किया गए है. कोलकाता के संतोषपुर लेक पल्ली में बने इस पंडाल को तैयार करने में चार हजार किलो हल्दी की गांठों और हजार किलो हल्दी पाउडर का इस्तेमाल किया गया है.

कोलकाता में ही दो दुर्गा पूजा पंडालों में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म पद्मावत में दिखाए गए राजस्थान के इस मशहूर चित्तौड़गढ़ के किले की प्रतिकृति तैयार की गई है. पंडाल सजाने वाले आयोजकों श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब और मोहम्म्द अली पार्क पूजा कमेटियों का कहना है कि इस थीम को चुनने की अपनी खास वजह है.

श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के मुताबिक, जब पद्मावत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पूरे देश में फिल्म का प्रदर्शन रोकने की धमकी दे रहे थे, उस वक्त पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने फिल्म निर्माताओं को सुरक्षा देने और पूरे बंगाल में फिल्म के प्रदर्शन का आश्वासन दिया था.

पंडाल आयोजकों ने बताया कि इस थीम को यह संदेश देने के लिए चुना गया है कि बंगाल का अर्थ सहिष्णुता और शांति हैं.

बता दें कि कोलकाता में करीब 3000 पूजा पंडाल हैं और सभी गांवों में कुल मिलाकर करीब 25,000 पूजा पंडाल होंगे. कोलकाता नगर निगम के हर पूजा पंडाल को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे. इसी तरह पर्यटन विभाग, उपभोक्ता मामलों के विभाग, स्वयं सहायता समूहों को भी 10-10 हजार रुपए दिए जाएंगे. कुल मिलाकर 28 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी.

Advertisement
Advertisement