एक मदरसे के हेडमास्टर को इस्लाम पर कथित विवादास्पद क्लास लेने की भारी कीमत चुकानी पड़ी. उस पर कट्टरपंथी भीड़ ने कथित रूप से लोहे की रॉड से जानलेवा हमला किया. घटना कोलकाता के मेटियाब्रुज इलाके की है.
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक, मासूम अख्तर पर 26 मार्च को हमला हुआ था. अस्पताल से ठीक होकर लौटने के बाद उन्होंने आशंका जताई कि यह हमला उनकी एक क्लास की वजह से हुआ है, जिसमें उन्होंने इस्लाम के बारे में बात की थी. उन्हें शक है कि कुछ छात्रों ने उनकी बात को गलत समझा और इसे आस-पास के लोगों को बता दिया. अख्तर ने कहा कि उन्हें जान का खतरा है और वह इस बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गुहार लगाएंगे.
राजबागान के पुलिस अधिकारी एस भट्टाचार्जी ने बताया कि अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. बल्कि अख्तर के खिलाफ ही स्थानीय लोगों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने की एफआईआर दर्ज कराई है.
'तुम दूसरे रश्दी बनना चाहते हो?'
अख्तर अकसर स्थानीय अखबारों में भी लिखते रहते हैं. उन्होंने बर्दवान धमाकों पर एक आर्टिकल में लिखा था कि अगर कोई मदरसा दोषी है तो उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए. पिछले साल 'दैनिक स्टेट्समैन' में उन्होंने करबला की लड़ाई को ऐतिहासिक संदर्भ में सामने रखा था. इसके बाद उनके पास धमकी भरे फोन आने शुरू हो गए, जिसमें कहा गया, 'क्या तुम दूसरे सलमान रश्दी या तसलीमा नसरीन बनना चाहते हो? तुम्हें खत्म कर दिया जाएगा.'
अख्तर के मुताबिक, पुलिस ने उन्हें बताया है कि मेटियाब्रुज इलाके के मौलवी और इमाम उनके सख्त खिलाफ हैं और उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है. अख्तर कहते हैं, 'लड़ाई सच्चे इस्लाम और दूषित इस्लाम वालों के बीच है. मैं इस्लाम-विरोधी नहीं हूं. लेकिन मेरी 'फ्री थिंकिंग' समाज के कट्टरपंथी मुसलमानों और धर्म को नुकसान पहुंचाने वालों को स्वीकार नहीं है.'