कोलकाता में एसएफआई के छात्र नेता सुदीप्तो गुप्ता की मौत का मामला गरमाता जा रहा है. गुरुवार को लेफ्ट फ्रंट ने कोलकाता के टॉलीगंज, ढाकुरिया और गरिया में 12 घंटों के बंद का एलान किया है. हालांकि ट्रांसपोर्ट और दुकानों को बंद से अलग रखा गया है. लेफ्ट से जुड़े छात्र संगठनों ने आज पूरे बंगाल में स्कूल और कॉलेज बंद करने की अपील भी की है.
इसी बीच सुदीप्तो गुप्ता की मौत की गूंज कोलकाता से लेकर दिल्ली तक सुनाई दे रही है. लेफ्ट पार्टियों ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है.
पश्चिम बंगाल के विपक्षी दलों ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार की कड़ी अलोचना की और एसएफआई के एक युवा नेता की पुलिस हिरासत में विवादास्पद हालात में हुई मौत की न्यायिक जांच कराने के लिए दबाव डाला.
माकपा के प्रदेश सचिव एवं पोलित ब्यूरो के सदस्य विमान बोस ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा दी जाए.’ वाम मोर्चा के अध्यक्ष बोस ने कहा, ‘जब सुदीप्तो की मौत हुई उस वक्त ममता आईपीएल उद्घाटन समारोह देख रही थीं.’ माकपा नेता मो. सलीम ने न्यायिक जांच की मांग दोहराते हुए कहा कि छात्र नेता ने गिरफ्तारी दी थी और वह पुलिस हिरासत में थे.
उधर, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग ने एसएफआई (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) नेता की गिरफ्तारी के बाद मौत होने पर स्वत: संज्ञान लिया है. पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) अशोक गांगुली ने बताया कि कोलकाता पुलिस के आयुक्त को इस संबंध में एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
उन्होंने कहा, ‘हम अपने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और आयोग के कुलसचिव को भी आयोग की एक जांच के लिये भेज रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही कार्रवाई की जायेगी.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई के 22 वर्षीय नेता एवं रवींद्र भारती विश्वविद्यालय में एमए के छात्र सुदीप्तो गुप्ता की मौत के बाद पुलिस ने दावा किया कि उनकी मौत एक गाड़ी से गिरने के कारण हुई जबकि पार्टी ने आरोप लगाया कि उनकी मौत पुलिस लाठीचार्ज में घायल होने की वजह से हुई.
उनके शव का पोस्टमार्टम करने वाले एक चिकित्सक ने कहा है कि एक ठोस वस्तु से टकराने के बाद उनके सिर को घातक चोट लगी हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया. चिकित्सक ने कहा कि अगले 48 घंटे में सौंपे जाने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ब्योरा दिया जाएगा.