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इस बार भी छाएगा पराली का धुआं? जानें क्या बोले हरियाणा के कृषि मंत्री

पराली न जलाई जाए इसके लिए बजट का इंतजाम सरकार ने कर लिया है. इंडियन ऑयल से भी इसके बारे में करार किया गया है. किसानों को खुद इसके बारे में सोचना होगा. जब तक किसान तैयार नहीं होंगे समस्या का समाधान नहीं हो पाएगा.

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हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ [फोटो-आज तक]
हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ [फोटो-आज तक]

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आज तक के कृषि इनोवेशन समिट में पहुंचे हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि सरकार ने पराली की समस्या पर बहुत हद तक नियंत्रण पा लिया है. पिछली बार की तरह इस बार उस तरह पराली में आग नहीं लगाई जा रही है. सरकार ने इसके लिए 175 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है. इंडियन ऑयल से भी 900 करोड़ रुपये का करार किया गया है.

पराली से इथेनॉल बनाए जाने की तैयारी है, धनखड़ ने कहा कि किसानों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है जिससे वह समझ पाएं कि उनके खेतों के लिए जीवांश कितने जरूरी हैं. जब किसानों को यह बात पूरी तरह समझ में आ जाएगी तो इस समस्या का समाधान कुछ हद तक अपने आप हो जाएगा.

उन्होंने दावा किया कि हरियाणा का किसान इस बात को समझ गया है कि पराली जलाना उसके हित में नहीं. धनखड़ ने बताया कि हमारे खेतों में जीवांश की मात्रा घटती जा रही है और खाद की मात्रा बढ़ती जा रही है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे खेत बंजर हो जाएंगे. इससे बचना है तो हमें पराली से तौबा करनी ही होगी.

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उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण बढ़ने का कारण केवल पराली नहीं है. कंस्ट्रक्शन समेत इसके कई दूसरे कारण भी हैं. इसे भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.

सरकार से किसानों की लड़ाई चलती रहनी चाहिए

प्रोग्राम में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार से किसानों की लड़ाई चलती रहनी चाहिए. इससे सभी को मुद्दों की जानकारी मिलती रहती है और इसमें किसी को घाटा नहीं है. उन्होंने दावा किया कि देश का किसान मोदी सरकार से खुश है.

पत्नियों को देसी घी खिलाएं, स्लिम ट्रिम बनी रहेंगी

धनखड़ ने देसी गायों की विशेषता बताते हुए कहा कि पत्नियों को देसी घी खिलाकर देखें वो स्लिम ट्रिम बनी रहेंगी. इसी तरह अगर पतियों को देसी घी खिलाया जाए तो उन्हें कभी हार्ट अटैक नहीं आएगा. घी गाय का होना चाहिए.

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