हाल में बातचीत और फिर पैदा हुई बदमजगी के बाद विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी काबुल में अगले हफ्ते होने वाले एक सम्मेलन के मौके पर एक बार फिर रूबरू हो सकते हैं.
कृष्णा और कुरैशी आगामी 20 जुलाई को दाता देशों के सम्मेलन में शिरकत करेंगे. यह सम्मेलन युद्ध की विभीषिका से जूझ रहे अफगानिस्तान में विकास कार्यों के लिये अरबों डॉलर की सहायता देने की घोषणाओं को वास्तविकता के धरातल पर उतारने का आग्रह करने के लिये मुल्क के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जा रहा आयोजन है.
प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक भारत के साथ बदमजगी के दो दिन बाद पाकिस्तानी पक्ष ने संकेत दिये हैं कि वह अफगानिस्तान में कृष्णा और कुरैशी के बीच तल्खी दूर होने की सम्भावनाएं तलाश रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में हुई बातचीत में गहरे मतभेद उभरने के बाद दोनों मुल्कों के आपसी रिश्तों में कूटनीतिक कड़वाहट पैदा हो गई है.
दोनों पक्षों ने गत गुरुवार को इस्लामाबाद में हुई बातचीत के दौरान उद्देश्यों पर कोई प्रगति नहीं होने के लिये एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया था. इसके अलावा कुरैशी ने कृष्णा के बारे में अप्रिय टिप्पणियां भी की थीं.
बहरहाल, पाकिस्तान अब इस मामले को लेकर कुछ नरम हुआ है. उसके नेताओं ने बयान दिया कि पाकिस्तान द्विपक्षीय बातचीत जारी रखने का इच्छुक है और वह भारत के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने के प्रति गम्भीर भी है.