विदेशमंत्री एस एम कृष्णा ने गुरुवार को पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और आतंकवाद के मुद्दे पर विचार विमर्श किया. बातचीत में जरदारी ने इस बात पर जोर दिया कि सही समय पर खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के जरिए दोनों देश आतंकवादी गतिविधियों को रोक सकते हैं.
तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचे कृष्णा ने पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी और फिर राष्ट्रपति जरदारी से मुलाकात करके साक्षा हितों के मुद्दों पर विचार विमर्श किया. जरदारी ने कहा कि ‘भारत और पाकिस्तान के लोगों की नियति और समूचे क्षेत्र का विकास, दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग, मैत्री और अच्छे पड़ोसी संबंधों पर निर्भर करता है.’
राष्ट्रपति निवास से जारी एक बयान के अनुसार जरदारी ने ‘भविष्य में दोनों देशों के संबंधों पर असर डालने वाली आतंकवादी गतिविधियों और हिंसा को रोकने के लिए खुफिया सूचनाओं के समय रहते आदान प्रदान करने पर जोर दिया.’ जरदारी से मुलाकात के दौरान कृष्णा के साथ विदेश सचिव निरुपमा राव और पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त शरत सभरवाल मौजूद थे. {mospagebreak}
पाकिस्तान की ओर से बैठक में कुरैशी के अलावा गृहमंत्री रहमान मलिक और विदेश सचिव सलमान बशीर भी मौजूद थे. दोनों देशों के बीच दोबारा बातचीत शुरू होने की सराहना करते हुए जरदारी ने कहा कि संवाद जारी रखने के लिए पाकिस्तान और भारत, दोनों देशों पर बड़ी जिम्मेदारी है. बयान के मुताबिक, ‘राष्ट्रपति ने कहा कि समग्र वार्ता बहाली से अविश्वास दूर करने और दोनों देशों के संबंधों में भरोसा कायम करने में मदद मिलेगी.’
बयान में कहा गया है कि इससे कश्मीर, पानी, सर क्रीक, सियाचिन, आतंकवाद और अन्य बकाया मुद्दों को आपसी सहयोग से निपटाने में भी मदद मिलेगी. बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि पानी का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है क्योंकि इससे पाकिस्तान में खेती पर बुरा असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौते का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए और उसे अमल में लाया जाना चाहिए.
जरदारी ने कहा कि बहाल संवाद प्रकिया बिना किसी बाधा के जारी रहने पर दोनों देशों के कारोबारी संबंधों में जबर्दस्त बढ़ोतरी होगी. चरमपंथ के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई का उल्लेख करते हुए जरदारी ने कहा कि आतंकवाद एक साझा शत्रु है और पाकिस्तान हर रूप में उग्रवाद एवं आतंकवाद के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारों को इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए पहले से ज्यादा करीबी सहयोग करने की जरूरत है. विदेशमंत्री कृष्णा ने राष्ट्रपति जरदारी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की शुभकामनाएं दी.