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तीन दिवसीय दौरे पर कृष्णा पहुंचे पाकिस्तान

मुंबई हमलों के बाद भारत के किसी विदेश मंत्री की प्रथम पाकिस्तान यात्रा के तहत एसएम कृष्णा विश्वास बहाली और रिश्तों में विश्वास बढ़ाने के लिये बुधवार को इस्‍लामाबाद यहां पहुंचे.

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मुंबई हमलों के बाद भारत के किसी विदेश मंत्री की प्रथम पाकिस्तान यात्रा के तहत एसएम कृष्णा विश्वास बहाली और रिश्तों में विश्वास बढ़ाने के लिये बुधवार को इस्‍लामाबाद यहां पहुंचे.

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कृष्णा इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ गुरुवार को वार्ता करेंगे. वह भारत और पाकिस्तान के अवाम के बीच रिश्तों के क्षेत्र में विश्वास कायम करने के उपायों, कैदियों की अदला-बदली और द्विपक्षीय व्यापार पर ध्यान देने के अलावा दोनों देशों के बीच सहमति के बिंदुओं की तलाश करने की कोशिश करेंगे.

विदेश मंत्री ने संवाददाताओं को बताया, ‘हमें आपसी हित के उन सभी मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा होने की उम्मीद है जो विश्वास बहाली में योगदान दे सकते हैं और हमारे द्विपक्षीय रिश्तों में विश्वास ला सकता है.’

कृष्णा ने कहा, ‘पिछले महीने हमारे गृहमंत्री (पी चिदंबरम) की पाकिस्तान यात्रा के दौरान खासतौर पर मुंबई हमलों के बारे में डेविड हेडली से पूछताछ के संदर्भ में हुई चर्चाओं और आतंकवाद के प्रति जाहिर की गई हमारी प्रमुख चिंता पर मुझे सूचनाएं मिलने की उम्मीद है.’ {mospagebreak}

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उन्होंने अपनी यात्रा को अहम बताते हुए उम्मीद जताई कि यह दोनों देशों के बीच एक शांतिपूर्ण, दोस्ताना और सहयोगी रिश्ता बनाने के प्रति हमारी कोशिशों को ‘एक नये सफर’ पर ले जाएगी. विदेश मंत्री ने कहा, ‘भारत आपसी विश्वास और भरोसे के आधार पर पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने को प्रतिबद्ध है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं भारत के लोगों की ओर से अपने साथ शांति और दोस्ती का पैगाम लेकर आया हूं. हमें यहां की सरकार और पाकिस्तान की अवाम के साथ शांति की इस यात्रा को संयुक्त रूप से शुरू करने की उम्मीद है, हालांकि यह एक लंबी और कठिन यात्रा है.’

कृष्णा ने कहा उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ भी मुलाकात की उम्मीद है. कृष्णा की इस यात्रा के दौरान भारत आपसी रिश्ते में विश्वास और भरोसे की बहाली की रूपरेखा तलाश करेगा, इस तरह से आपसी चिंताओं के मुद्दों पर ठोस वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा. दरअसल, दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने अप्रैल में थिम्पू में हुई बैठक के बाद अपने-अपने विदेशमंत्रियों को विश्वास में आई कमी को पाटने और रिश्ते में विश्वास बढ़ाने का जिम्मा सौंपा है. {mospagebreak}

कृष्णा की यह यात्रा कश्मीर घाटी में हफ्तों चली हिंसा के मद्देनजर हो रही है, जहां भारतीय प्रतिष्ठानों ने नियंत्रणरेखा पार के तत्वों की संलिप्तता देखी है. कुछ लोग कृष्णा की इस यात्रा और हिंसा के समय के बीच संबंध देखते हैं. बहरहाल, कुरैशी ने कहा है कि वह कृष्णा के समक्ष जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार हनन के मुद्दे को उठायेंगे.

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मुंबई हमलों के मामले में वांछित और जिहादी संगठनों के हाफिज सईद जैसे नेताओं द्वारा भारत के प्रति घृणा से भरे भाषण चिंता का कारण बना हुआ है तथा गुरुवार की वार्ता के दौरान बेशक इससे पाकिस्तान को अवगत कराया जाएगा. भारत मुंबई हमलों से जुड़े नामों सहित अपने खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ विश्वसनीय और प्रभावी कार्रवाई चाहता है.

पिछले महीने पाकिस्तान की यात्रा पर गये गृहमंत्री पी चिदंबरम ने पाकिस्तानी नेतृत्व को भारत की उम्मीदों से अवगत करा दिया था और वहां मुंबई हमलों की सुनवाई को शीघ्रता से निष्कर्ष पर ले जाने की मांग की थी. भारत इस बारे में पाकिस्तान से ठोस सूचना का इंतजार कर रहा है.

हालांकि, वार्ता को ‘समग्र वार्ता’ नहीं बताया जा रहा है. फिर भी भारत द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बातचीत से नहीं हिचकेगा. कृष्णा और कुरैशी के बीच वार्ता में अफगानिस्तान एक अन्य अहम विषय हो सकता है. भारत ने युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान को एक अरब डॉलर से अधिक की सहयता दी है और वहां पाकिस्तान को किसी भी तरह का रणनीतिक मौका देने के प्रति अनिच्छुक है.

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