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कृष्णा ने कश्मीर पर टिप्पणी के लिये कुरैशी को लिया आड़े हाथ

संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर राग अलापने के लिये पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को आड़े हाथ लेते हुए भारत ने कहा कि कुरैशी की ‘अस्वीकार्य’ और ‘अतर्कसंगत’ टिप्पणी पाकिस्तान के समक्ष मौजूद आंतरिक मुश्किलों पर से ध्यान हटाने की एक चाल है.

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संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर राग अलापने के लिये पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को आड़े हाथ लेते हुए भारत ने कहा कि कुरैशी की ‘अस्वीकार्य’ और ‘अतर्कसंगत’ टिप्पणी पाकिस्तान के समक्ष मौजूद आंतरिक मुश्किलों पर से ध्यान हटाने की एक चाल है.

विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने जम्मू कश्मीर में ‘जनमत संग्रह’ कराने के कुरैशी के आह्वान पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि भारत चुनाव के रूप में हर पांच वर्ष में ‘जनमत संग्रह’ कराता है लेकिन अलगाववादी कश्मीरियों को उनके अधिकार का प्रयोग करने से रोकते हैं.

कृष्णा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कुरैशी के भाषण के तुरंत बाद एशिया सोसायटी में कहा, ‘‘भारत के राज्य जम्मू कश्मीर के बारे में दिन में संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में विदेश मंत्री कुरैशी के दिये गये अस्वीकार्य संदर्भ पर प्रतिक्रिया करते हुए मुझे असल में निराशा हो रही है.’

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उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की अकारण और अतर्कसंगत टिप्पणी से असल में पाकिस्तान में मौजूद उन कई समस्याओं पर से ध्यान नहीं हटाया जा सकता जिनसे उसे (पाकिस्तान को) अपनी जनता और पूरे क्षेत्र की भलाई के लिये निपटने की जरूरत है.’ अपने भाषण में कुरैशी ने कहा था कि कश्मीरियों को जनमत संग्रह के जरिये आत्म निर्णय के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने की इजाजत देनी चाहिये.

कृष्णा ने कहा कि पाकिस्तान आंतरिक समस्याओं का सामना कर रहा है और कश्मीर को बतौर चाल इस्तेमाल कर ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘किसी ने भी कभी भी यह नहीं कहा कि कश्मीर में चुनाव फर्जी होते हैं.’

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