विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने आतंकवाद पर सम्मेलन में चीन से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सभी देशों को आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए मिल कर काम करना चाहिए. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इस सम्मेलन का प्रस्ताव दिया था.
चीन के शीषर्स्थ नेतृत्व से वार्ता के पहले कृष्णा ने कहा कि आतंकवाद के बहुआयामी खतरे को देखते हुए इसके खिलाफ जंग में कदम बढ़ाना जरूरी हो गया है. चीन-भारत संबंधों पर काम करने वाले एक संस्थान में संबोधन के इतर कृष्णा ने पत्रकारों से कहा ‘भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक सम्मेलन या एक व्यापक विधेयक का प्रस्ताव दिया था, ताकि आतंकवाद के वैश्विक खतरे से निपटा जा सके. प्रत्येक देश को इस खतरे से निपटने के लिए सहयोगात्मक रवैये से काम करना चाहिए.’
सोमवार रात बीजिंग पहुंचे कृष्णा अपने समकक्ष यैंग जिएची और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से कल मुलाकात करेंगे. पाकिस्तान के अप्रत्यक्ष संदर्भ में कृष्णा ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद का उपयोग दूसरे देशों में अस्थिरता लाने के लिए करते हुए आर्थिक विकास में बाधा डाल रहे हैं. {mospagebreak}
कृष्णा ने कहा ‘कई देश ऐसे हैं, जिनका मानना है कि आतंकवाद का उपयोग दूसरे देशों में अस्थिरता लाने या ऐसा माहौल बनाने में किया जा सकता है, जिससे आर्थिक विकास में बाधा पैदा हो.’ चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में मीडिया से चर्चा करते हुए कृष्णा ने कहा कि आतंकवाद का मुद्दा भारत के लिए पर्याप्त महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत इससे पीड़ित है.
कृष्णा ने यहां ‘21वीं सदी की दुनिया में भारत और चीन के संबंध’ विषय पर व्याख्यान दिया. हाल में भारत में हुए हमलों के संदर्भ में कृष्णा ने कहा कि आतंकवाद किसी देश या शहर विशेष तक सीमित नहीं रह गया है और इसलिए ‘आयातित’ आतंकवाद को रोकना बहुत जरूरी है. कृष्णा ने कहा ‘आतंकवाद कई ऐसे देशों में भी फैल गया है, जिन्होंने पहले कभी आतंकवाद के बारे में नहीं सुना था, इसलिए हर देश के लिए यह जरूरी है कि वह स्वयं को आतंकवाद से बचाएं. भले ही यह आतंकवाद उसके भीतर उपजा हो या बाहर से आया हो.’
कृष्णा ने कहा कि वैश्विक मंदी के बाद भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.0 फीसदी से भी नीचे चला गया था, लेकिन अब भारत की अर्थव्यवस्था प्रगति के पथ पर आगे जा रही है. उन्होंने कहा ‘अब हम दोबारा 7.2 फीसदी की दर पर पहुंच गए हैं और हमें आशा है कि अगले साल तक हम 8 फीसदी तक पहुंच जाएंगे.’ उन्होंने कहा कि लेकिन अगर आतंकी ऐसे ही भारत को निशाना बनाते रहे, तो भारत की प्रगति पर प्रभाव पड़ सकता है.
कृष्णा ने कहा ‘यह आर्थिक गति प्रभावित हो सकती है, रुक सकती है, अगर आतंकी ऐसे ही अपनी कार्रवाइयों को अंजाम देते रहे.’ कृष्णा ने इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर सम्मेलन के अपने प्रस्ताव में सभी देशों से सहयोग की अपील की.