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क्या कुलभूषण जाधव के जरिए अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है पाकिस्तान?

कुलभूषण जाधव को जासूसी के मामले का दोषी बताते हुए अप्रैल महीने में पाकिस्तान ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान भारत के इस सवाल का जवाब देने में भी नाकाम रहा कि जब जाधव को ईरान में गिरफ्तार किया गया था तो वो पाकिस्तान कैसे पहुंचे?

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कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी से मुलाकात
कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी से मुलाकात

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पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने सोमवार को इस्लामाबाद में जाधव से मुलाकात की, लेकिन माना जा रहा है कि इस मुलाकात के जरिए पाकिस्तान अपनी छवि सुधारने का काम कर रहा है.

कुलभूषण जाधव को जासूसी के मामले का दोषी बताते हुए अप्रैल महीने में पाकिस्तान की सैन्य कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी. जबकि भारत का दावा है कि जाधव ने नेवी से रिटायर होने के बाद ईरान में अपना बिजनेस शुरू किया और वहां से तालिबानियों ने उनका अपहरण कर पाकिस्तान इंटेलिजेंस एजेंसी को सौंप दिया. वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान भारत के इस सवाल का जवाब देने में भी नाकाम रहा कि जब जाधव को ईरान में गिरफ्तार किया गया था तो वो पाकिस्तान कैसे पहुंचे?

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इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत को कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दिया तो फिर जाधव को उनकी मां और पत्‍नी को मिलने की इजाजत के बारे में पाकिस्तान ने क्यों कहा कि ये इजाजत मानवीय आधार पर दी गई?

इस मुलाकात पर पाकिस्तान का जो रवैया दिख रहा है उस पर भारतीय रक्षा सूत्रों के मुताबिक ऐसा करके पाकिस्तानी सेना यह दिखाना चाहती है कि वह भारत के साथ किसी भी मसले को हैंडल करने में सक्षम है. इस मीटिंग के पीछे पाकिस्तानी सेना का हिडन एजेंडा भी समझा जा रहा है.

दरअसल, पाकिस्तान में सेना और सरकार के बीच हमेशा से वर्चस्व को लेकर टकराव देखा गया है. सेना हर मौके पर देश की लोकतांत्रिक सरकार को चुनौती देती रही है. सरकारों के स्तर पर दोनों देशों में शांति बहाली की कोशिशों को पलीता लगाने के आरोप भी पाकिस्तानी सेना पर लगते रहे हैं. ऐसे में जाधव को उनके परिवार से मिलाने की इस कवायद को इस रूप में भी देखा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना खुद को भारत से जुड़े मसलों पर डील करने की कुव्वत रखता है.

साथ ही पाकिस्तान यह भी दिखाना चाहता था कि जाधव जिंदा है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान जाधव का इस्तेमाल कर दोनों देशों के बीच के रिश्ते को नर्म करने की भी कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ माहौल होने के बाजवजूद ये कदम उठाया गया.

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जाधव पर इस नरमी के पीछे ये भी माना जा रहा है कि दोनों मुल्कों के बीच रिश्तों में तनाव को लेकर कुछ लचीलापन देखने को मिले. पाकिस्तान के इस कदम के भारत के साथ बातचीत के रिश्ते को बहाल करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. 

हालांकि, इस सबके बावजूद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की पॉलिसी और फैसले में किसी तरह का कोई बदलाव होने की संभावना नजर नहीं आ रही है. भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश करता रहा है और पहले ही पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता से भी इंकार कर चुका है.

एक तरफ तो पाकिस्तान ने मानवीय आधार पर जाधव की पत्नी और मां की यात्रा को लेकर वीजा दिया था. वहीं दूसरी तरफ वो एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन कर पाकिस्तान का नापाक चेहरा दिखाता है. 23 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के राजोरी के केरी इलाके से सटे नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी सेना ने फिर सीजफायर तोड़ते हुए गोलीबारी की थी. अपने इस कदम से पाकिस्तान भारत को जो मैसेज देना चाहता था देश उसे समझ चुका है.

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