कुलभूषण जाधव पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में सुनवाई पूरी हो गई. भारत और पाकिस्तान ने जिरह में अपनी-अपनी दलीलें रखीं. भारत ने सीधे तौर पर पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने जल्द ही फैसला सुनाने की बात कही.
इंटरनेशल कोर्ट में 11 जजों की बेंच के सामने दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा. भारत ने पाकिस्तान को घेरते हुए कई सबूत कोर्ट के सामने रखे. साथ ही कई उदाहरणों के साथ कुलभूषण पर अन्याय का दावा किया.
भारत ने कोर्ट के सामने रखीं ये दलील
-पाकिस्तान ने राजनयिक मदद के लिए भारत के
16 अनुरोध को खारिज कर दिया.
-अनुच्छेद 36 के पहले पैराग्राफ में इस बात का
उल्लेख किया गया है कि इस प्रकार के मामले को
इंटरनेशनल कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
-राजनयिक संबंध पर वियना समझौता की धारा
36 का अधिकार पवित्र है.
-पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से जुड़ी कोई
जानकारी नहीं दी. पाकिस्तानी मीडिया से भारत को
ये जानकारी मिली.
- ट्रायल के दौरान जाधव के खिलाफ लगाये गये
आरोपों और सबूतों को भारत को मुहैया नहीं कराया
गया है.
-कुलभूषण जाधव की जो भी वीडियो दिखाई गई
थी, उसके साथ छेड़छाड़ की गई थी.
-भारत के पास जानकारी थी कि जाधव को ईरान
से गिरफ्तार किया गया जहां पर वह अपना
बिजनेस करता था.
-जाधव पर दबाव बनाकर गुनाह कबूल कराया गया.
भारत की दलील के बाद पाकिस्तान ने कहा कि जाधव पर भारत की अर्जी गैरजरूरी और गलत तरीके से व्याख्या वाली है. पाकिस्तान ने भारत की अपील खारिज करने की मांग की. पाकिस्तान ने कोर्ट से जाधव के इकबालिया बयान वाला वीडियो चलाने की इजाजत मांगी लेकिन कोर्ट ने उसे ठुकरा दिया.
पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील खवर कुरैशी ने कहा जाधव के पास दया याचिका की प्रक्रिया का अधिकार है. इस सिलसिले में 150 दिन का वक्त दिया जाता है.
कोर्ट ने क्या कहा?
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने
कहा कि वह अस्थायी उपाय के लिए भारत की अपील पर जल्द अपना फैसला सुनाएगा.
हालांकि दूसरी तरफ भारत ने जाधव को फांसी दिए जाने की आशंका भी जताई. विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधी ने आईसीजे से कहा, 'फैसला होने से पहले ही जाधव को फांसी दिए जाने का फौरी खतरा मंडरा रहा है.'
क्या है मामला?
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को ईरान से पाकिस्तान में अवैध घुसपैठ के चलते गिरफ्तार करने का दावा किया था. इसके बाद पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी का दोषी मानते हुए 10 अप्रैल 2017 को फांसी की सजा सुनाई. भारत ने इस फैसले को इंटरनेशल कोर्ट में चैलेंज किया. कोर्ट ने 10 मई को फांसी पर रोक लगाते हुए दोनों देशों से अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था.