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जिस नेता का जमाना हो, उसके साथ हो लेते हैं अमिताभ बच्चनः कुमार विश्वास

आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास ने आज तक के सीधी बात कार्यक्रम में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि जिसका जमाना अच्छा चल रहा होता है, बच्चन साहब उसके साथ हो लेते हैं.

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सीधी बात में कुमार विश्वास
सीधी बात में कुमार विश्वास

आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास ने आज तक के सीधी बात कार्यक्रम में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि जिसका जमाना अच्छा चल रहा होता है, बच्चन साहब उसके साथ हो लेते हैं. इतना ही नहीं कुमार विश्वास ने खुद की अटल बिहारी वाजपेयी से तुलना करते हुए कहा कि बीजेपी वाले मेरा मजाक कैसे उड़ा सकते हैं, उनके खुद के सबसे बड़े नेता कवि रहे हैं. अमेठी से नरेंद्र मोदी को चुनाव लड़ने की चुनौती में कुछ रियायत करते हुए कुमार विश्वास बोले कि चलिए मोदी बड़े नेता हैं, तो बीजेपी का कोई और दिग्गज मसलन आडवाणी या राजनाथ सिंह यहां से चुनाव लड़ लें. मैं तो पैर छूकर कहूंगा, अब आप आ गए हैं, तो अच्छी बात है.
बिना नाम लिए बच्चन पर साधा निशाना
क्या मेरे जैसा कलाकार ठीक है या वो आर्टिस्ट ठीक हैं, जो कभी राजीव गांधी के साथ खड़े दिखाई देते हैं. कभी उत्तर प्रदेश में ‘यूपी में है दम, यहां अपराध है कम’ बोलते दिखाई देते हैं क्योंकि मुलायम सिंह यादव का और अमर सिंह का जमाना चल रहा होता है. फिर मोदी जी का अच्छा समय चल रहा होता है, तो वहां खड़े हो जाते हैं.
आडवाणी जी समेत सबके पैर छुऊंगा मैं
मेरा कहना है कि अगर वंशवाद से मुझे इतनी घृणा है, तो मोदी जी को कितनी घृणा होगी. खुद न आएं, बड़े नेता हैं, व्यस्त होंगे. अमेठी से चुनाव लड़ने को राजनाथ सिंह को भेजें. नितिन गडकरी को भेजें. अरुण जेटली को भेजें, वैंकेया नायडू को भेंजे, मुरली मनोहर जोशी हैं, आडवाणी जी हैं. वरिष्ठतम हैं. उन्हीं को भेज दें. इतने सारे नेता में किसी को भेजें, हम तो जहां मिलेंगे, सबके पैर छुएंगे. सब हमसे बड़े हैं, सब पुराने खिलाड़ी हैं, कहेंगे कि अब आप आ गए हैं, राहुल जी मुझसे भी सीनियर हैं. मैं सबसे छोटा हूं. तीसरे नंबर पर मुझे रख लेना. हार जीत बाद की बात है.
पंडित अटल से की अपनी तुलना
बीजेपी के लोग मेरी गंभीरता पर सवाल उठाते हैं. मुझे इस पर बहुत आश्चर्य होता है. बीजेपी के उद्भव में सबसे ज्यादा पंडित अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान है, जो मेरे वंश के हैं. जो कवि कुल के वंश के हैं. जो हिंदी सम्मेलन में कविता पढ़ते रहे हैं. रात भर कविता पढ़कर सुबह लिफाफा लेकर घर पर आए हैं.नीरज जी के समकालीन हैं. ऐसे में भाजपाई मुझ पर सवाल कैसे उठा सकते हैं.

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