आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास भले ही अमेठी की लड़ाई में अपनी जमानत जब्त करा बैठे हो. लेकिन यह हार उनके लिए मुनाफे का सौदा साबित हुई. विश्वास को रियलिटी टीवी शो बिग बॉस में हिस्सा लेने के लिए पांच करोड़ का ऑफर मिला है.
लोकसभा चुनाव में हार के बाद आम आदमी पार्टी अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तिनका-तिनका जोड़ रही है, लेकिन कवि से नेता बने कुमार विश्वास राजनीति के अखाड़े में पटखनी खाने के बाद सेलेब्रिटी बन गए हैं.
प्रोडक्शन कंपनी इंडेमोल रियलिटी टीवी शो बिग बॉस में कुमार विश्वास को लेना चाहती है और इसके लिए उसने पांच करोड़ का ऑफर उन्हें दिया है. इससे पहले कुमार विश्वास इसी महीने सिलिकॉन वैली में गूगल के कर्मचारियों के साथ लीडरशिप बातचीत करेंगे. इसके अलावा कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में राजनीति पर लेक्चर देंगे.
कुमार विश्वास फिल्म इंडस्ट्री में भी गीतकार के तौर अपनी पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. उन्होंने एक गाना लिखा है जिसे आशा भोसले आवाज देंगी. खबरों की माने तो विदेशों में उनके कार्यक्रमों की संख्या बढ़ गई है और उन्होंने अपनी फीस बढ़ा दी है.
विश्वास ने कहा, 'हां, मैं 29 जुलाई को एशियन पॉलिटिक्स पर बोलने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी जा रहा हूं और साथ ही लीडरशिप पर बोलने के लिए गूगल के हेडक्वार्टर भी जाऊंगा. विश्वास ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि सितंबर में शुरू होने वाले बिग बॉस सीजन के लिए इंडेमोल ने उनसे संपर्क किया है. लेकिन ज्यादा जानकारी देने से उन्होंने इनकार कर दिया.
विश्वास के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक इंडेमोल ने उन्हें पांच करोड़ का ऑफर दिया है, लेकिन कुमार ने इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है. इंडेमोल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ दीपक धर ने इसकी पुष्टि करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'अपनी नीतियों के मुताबिक हम बाजार के आकलन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे'. गौरतलब है कि सार्वजनिक मंचों पर कई बार बिग बॉस से ऑफर मिलने का दावा कुमार विश्वास कर चुके हैं.
कुमार विश्वास ने कहा, 'जब मैंने राहुल गांधी के खिलाफ लड़ने का फैसला किया, तो कुछ लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन मेरे चुनाव अभियान को इंटरनेशनल मीडिया ने कवर किया और वोटरों ने राहुल गांधी से कड़े सवाल पूछने शुरू कर दिए.'
AAP के नेता कुमार विश्वास ने चुनाव के दौरान अमेठी में तीन महीने गुजारे. लेकिन उनका सघन चुनाव प्रचार वोटरों को लुभा पाने में नाकाम रहा और उन्हें केवल 25000 वोटों से संतोष करना पड़ा.