सनातन धर्म में यूं तो बहुत से पर्वों को शुभता और उत्साह के साथ मनाने की परंपरा रही है किंतु जब भी बात होती है कुंभ की तो उत्साह दोगुना और अध्यात्म चरम पर होता है. इस साल संगम के पावन तट पर लगने वाले अर्ध कुंभ मेले के आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी हैं. इंतजार है मकर संक्रांति का क्योंकि इसी दिन अर्ध कुंभ का पहला स्नान होगा. आस्था की डुबकी के लिए करोड़ों की संख्या में भक्त कुंभ मेले में पहुंच रहे हैं और लगभग दो महीने तक अध्यात्म और आस्था की महामेला गंगा के पावन तट यूं रहेगा.
साल 2013 में महाकुंभ का आयोजन हुआ था, जिसके ठीक 6 साल के बाद हरिद्वार और प्रयाग के गंगा तटों पर अर्ध कुंभ का आयोजन अब होने जा रहा है. हरिद्वार और प्रयाग में हर 6 साल में अर्धकुंभ का आयोजन होता है.
क्यों होता है कुंभ का आयोजन?
कुंभ को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिनमें प्रमुख कथा समुद्र मंथन के दौरान निकलने वाले अमृत कलश से जुड़ी है. महर्षि दुर्वासा के शाप के कारण जब देवता कमजोर हो गए तो दैत्यों ने देवताओं पर आक्रमण कर उन्हें परास्त कर दिया. तब भगवान विष्णु ने उन्हें दैत्यों के साथ मिलकर क्षीरसागर का मंथन करके अमृत निकालने की सलाह दी. क्षीरसागर मंथन के बाद अमृत कुंभ के निकलते ही इंद्र के पुत्र ‘जयंत’ अमृत-कलश को लेकर आकाश में उड़ गए. उसके बाद दैत्यगुरु शुक्राचार्य के आदेश पर दैत्यों ने अमृत को वापस लेने के लिए जयंत का पीछा कर उसे पकड़ लिया. अमृत कलश पर अधिकार जमाने के लिए देव-दानवों में बारह दिन तक लगातार युद्ध होता रहा. इस युद्ध के दौरान पृथ्वी के चार स्थानों प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक में कलश से अमृत बूंदें गिरी थीं. शांति के लिए भगवान ने मोहिनी रूप धारण कर सबको अमृत बांटकर देव-दानव युद्ध का अंत किया. तब से जिस-जिस स्थान पर अमृत की बूंदें गिरीं थीं, वहां कुंभ मेले का आयोजन होता है.
कुंभ के महत्व को ब्रह्म पुराण एवं स्कंध पुराण के 2 श्लोकों के माध्यम समझा जा सकता है.
‘विन्ध्यस्य दक्षिणे गंगा गौतमी सा निगद्यते उत्त्रे सापि विन्ध्यस्य भगीरत्यभिधीयते
‘एव मुक्त्वाद गता गंगा कलया वन संस्थिता, गंगेश्वेरं तु यः पश्येत स्नात्वा शिप्राम्भासि प्रिये’
अब आपको बताते हैं 2019 के अर्ध कुंभ मेले के शाही स्नान की तारीखें-
कुंभ मेले के शाही स्नान की तारीखें (Kumbh Snan Dates and Kumbh Shahi Snan)
14-15 जनवरी 2019 - मकर संक्रांति, पहला शाही स्नान
21 जनवरी 2019 - पौष पूर्णिमा
31 जनवरी 2019 - पौष एकादशी स्नान
15 जनवरी मकर संक्रान्ति से 4 मार्च महा शिवरात्रि तक प्रयागराज में आयोजित हो रहे #कुम्भ2019 में स्नान की 6 प्रमुख तिथियां होंगी, जिनमें जनवरी माह में दो मुख्य तिथियां हैं। इन पवित्र तिथियों को ध्यान में रखते हुए इस विशाल उत्सव के दर्शन करनें 'चलो कुम्भ चलें'।
#Kumbh2019Calender pic.twitter.com/QRXqqXCNIq
— UP Tourism (@uptourismgov) January 5, 2019
04 फरवरी 2019 - मौनी अमावस्या, मुख्य शाही स्नान, दूसरा शाही स्नान
10 फरवरी 2019 - बसंत पंचमी, तीसरा शाही स्नान
16 फरवरी 2019 - माघी एकादशी
19 फरवरी 2019 - माघी पूर्णिमा
04 मार्च 2019 - महा शिवरात्रि
वेद, पुराण, धर्म, शास्त्रों में कुंभ के महत्व को समझाया गया है और युगों युगों से पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति कर रहे हैं तो अर्ध कुंभ पर यदि मौका मिले तो आप भी आस्था की गंगा में डुबकी लगा लीजिए, आपको पापों से मुक्ति मिल जाएगी.