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दिल्ली-एनसीआर को एक और गिफ्ट, केएमपी एक्सप्रेसवे का पहला हिस्सा लॉन्च

सालों से अटके पड़े कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के एक बड़े हिस्से को मंगलवार को केंद्रीय पथ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया. वित्त मंत्री अरुण जेटली और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाला खट्टर की मौजूदगी में इसे जनता के लिए खोल दिया गया.

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कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट
कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट

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सालों से अटके पड़े कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के एक बड़े हिस्से को मंगलवार को केंद्रीय पथ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया. वित्त मंत्री अरुण जेटली और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाला खट्टर की मौजूदगी में इसे जनता के लिए खोल दिया गया. दिल्ली-एनसीआर के लिए इसे बड़े तोहफे के तौर पर देखा जा रहा है.

जल्द पूरा होगा बाकी हिस्सों का निर्माण
साल 2006 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को साल 2010 यानी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों तक पूरा हो जाना था. लेकिन देरी से जूझते इस प्रोजेक्ट के एक हिस्से को अब लॉन्च किया गया है. कुल 135.6 किलोमीटर की लंबाई वाले इस एक्सप्रेसवे के 63 किलोमीटर लंबे हिस्से को लॉन्च करते वक्त नेताओं ने भरोसा दिलाया कि बाकी हिस्सों को भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा. इस पर तेज गति से काम चल रहा है.

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दिल्ली-एनसीआर को सबसे अधिक फायदा
प्रदूषण और भयानक ट्रैफिक जाम से रोजाना जूझती दिल्ली के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. केएमपी एक्सप्रेसवे पर पलवल से मानेसर तक कार एक सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार भरते हुए निकलेंगे. इस पूरे प्रोजेक्ट का पलवल से मानेसर के बीच एक हिस्सा लॉन्च होने जाने से 40 मिनट में यह दूरी तय की जा सकेगी. दिल्ली से गुजरकर बाहर जानेवाली बसें और ट्रक अब इसे बाहर से ही निकल सकेगी.

इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से ये फायदे होंगे-
- दिल्ली से घटेगा भारी वाहनों का बोझ.
- दिल्ली से कम होगा प्रदूषण.
- मथुरा से पास आया गुड़गांव.
- दिल्ली को मिलेगी नई लाइफ लाइन.
- जल्द पूरा होगा कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे.
- पलवल-मानेसर सेक्शन का काम पूरा.
- 100 की स्पीड से फर्राटा भरेंगी कारें.

इस हिस्से में कोई टोल बूथ नहीं
दिल्ली-आगरा नेशनल हाइवे नंबर दो से जुड़े केएमपी एक्सप्रेसवे को इस तरह से बनाया जा रहा है कि ये पूरी तरह से हरा-भरा रहे. एक्सप्रेसवे के बीच में बना डिवाइडर भी पूरी तरह से हरा-भरा होगा. पलवल से मानेसर तक कई किस्मों के करीब 40 हजार पौधे लगाए गए हैं. इस पहले उद्घाटन वाले हिस्से में कोई टोल बूथ नहीं है.

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100 की स्पीड से दौड़ेंगी कार
इस एक्सप्रेवे पर गाड़ियों की अधिकतम गति सीमा है 100 किलोमीटर प्रति घंटा. एक्सप्रेसवे के किनारे लगे साइन बोर्ड इसकी पुष्टि भी करते हैं. क्योंकि इस एक्सप्रेस वे पर मोड़ कम हैं तो ऐसे में आसानी से गाड़ी को 100 की स्पीड से दौड़ाया जा सकता है.

केएमपी एक्सप्रेसवे की कुछ खास बातें-
- सोनीपत, झज्जर, बहादुरगढ़, नूंह, सोहना, हथीन और पलवल क्षेत्र से गुजरेगा.
- दिल्ली वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे भी कहलाता है केएमपी.
- केएमपी एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव साल 2003 में लाया गया था. तब से इसकी डेडलाइन लगातार बदलती रही.
- प्रोजेक्ट पर कुल लागत 401 करोड़ रुपये तय हैं.
- महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, बंगाल और यूपी की ट्रफिक पर होगी असर.

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