दिल्ली के जंतर-मंतर पर नरेगा में काम ना मिलने से नाराज हजारों किसान-मजदूर इकट्ठा हुए. देश के 16 राज्यों से आए हुए इन नरेगा मजदूरों ने बताया कि कई कई साल से उन्हें काम नहीं मिल रहा है और अगर कभी काम भी मिलता है, तो सरपंच और नरेगा अधिकारी उनसे आधे पैसे की रिश्वत मांगते हैं.
सरपंच मांगते हैं मजदूरी का आधा पैसा
मजदूरों ने बताया कि पैसा ना मिलने के चलते वो अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज पाते क्योंकि स्कूल वाले कहते हैं कि आधार कार्ड लाओ और 5 बच्चों का आधार बनाने के लिये कम से कम एक हजार रुपए चाहिए. जंतर-मंतर पर आयोजित इस विशाल धरना रैली में राजस्थान के बीकानेर से आए नरेगा मजदूर रामकिशन बताते हैं कि पहले साल के कुछ दिन काम मिल जाया करता था, मगर अब तो सरपंच कहता है कि अपनी दिहाड़ी में से आधे पैसे दोगे तो रजिस्ट्रेशन करूंगा.
कहीं भी नहीं हो रही मजदूरों की सुनवाई
नरेगा मजदूर बिशन सिंह अपनी व्यथा बताते हुए कहते हैं कि सरकार कहती है कि पहले आधार कार्ड बनाओ तब काम मिलेगा. एक आधार कार्ड बनाने के लिए भी तीन सौ रुपए का खर्च आता है. ऐसे में अगर हम अपने चार बच्चों के आधार कार्ड बनवाते हैं, तो कुल खर्च 12 सौ रुपया हो गया और जब हमारे पास काम नहीं है तो हम लोग 12 सौ रुपए का खर्च कहां से लेकर आए. बिहार से आए हुए शशांक बताते हैं कि अपनी शिकायत लेकर वह लोग ग्राम प्रधान के दफ्तर, कलेक्टर के दफ्तर समेत सभी जगह जाते हैं, मगर कहीं भी सुनवाई नहीं होती है.
सड़क पर उतरेंगे किसान-मजदूर
मजदूर किसान नेता प्रभाष कुमार ने 'आज तक' से बातचीत करते हुए बताया कि केंद्र की मोदी सरकार मनरेगा जैसी योजना को खत्म करने की कोशिश कर रही है. इसी के चलते लाखों का फंड अब तक जारी नहीं किया गया है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्दी फंड जारी नहीं किया जाता है, तो देश के लाखों मजदूर-किसान सड़क पर उतर जाएंगे क्योंकि यह उनकी रोजी-रोटी का सवाल है.