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बजट में रियायतों का अभाव, खुदरा क्षेत्र का नहीं थमा है उत्साह

सरकार द्वारा केंद्रीय बजट 2010-11 में खुदरा क्षेत्र की ज्यादातर मांगों को ठुकराने के बावजूद भारतीय खुदरा कंपनियों को अब भी उम्मीद है कि सरकार इस क्षेत्र के लिए विदेशी निवेश के मानदंडों को आसान बनाने जैसे सुधार की पहल करेगी.

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सरकार द्वारा केंद्रीय बजट 2010-11 में खुदरा क्षेत्र की ज्यादातर मांगों को ठुकराने के बावजूद भारतीय खुदरा कंपनियों को अब भी उम्मीद है कि सरकार इस क्षेत्र के लिए विदेशी निवेश के मानदंडों को आसान बनाने जैसे सुधार की पहल करेगी.
भारती वालमार्ट के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राज जैन ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत सरकार अपनी आर्थिक और सामाजिक सुधार की नीतियों को आगे बढ़ाएगी जिसमें खुदरा क्षेत्र के लिए विदेशी निवेश को मंजूरी देना शामिल होगा.’’ खुदरा कंपनियां इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: के मानदंडों को आसान बनाने की मांग करते रहे हैं.
फिलहाल एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में 51 फीसद एफडीआई को मंजूरी दी गई है, लेकिन एक से अधिक ब्रांड के मामले में कोई ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.
विशाल रिटेल के प्रमुख रामचंद्र अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि खुदरा कारोबार में एफडीआई के नियमों में ढील दी जाएगी. इससे खुदरा कंपनियों और उपभोक्ता दोनों को फायदा होगा.’’

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